परिवार के बीच चुनावी जंग
■ 2024 के लोक सभा चुनाव में कई परिवारों के बीच खींचतान और यहां तक कि बहन-भाई के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता देखने को मिलेगी
■ आंध्र प्रदेश के कडप्पा में कांग्रेस की राज्य इकाई प्रमुख वाईएस शर्मिला रेड्डी अपने चचेरे भाई मौजूदा सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी के खिलाफ मैदान में हैं, जो वाईएसआर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं
■ महाराष्ट्र के बारामती में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार मौजूदा सांसद अपनी ननद सुप्रिया सुले को चुनौती दे रही हैं।
काग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी बीमार चल रहे हैं और उनके केरल के पतनमतिट्टा से 'भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार अपने बेटे अनिल एंटनी के खिलाफ प्रचार करने की संभावना बहुत कम है। लेकिन उनकी इच्छा है कि उनका बेटा चुनाव हार जाए। इस समय एंटनी की स्थिति 1984 के लोकसभा चुनाव के दौरान ग्वालियर सीट के लिए भाजपा की विजयाराजे सिंधिया और उनके बेटे कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया के बीच राजनीतिक जोरआजमाइश की याद दिलाती है। भाजपा की संस्थापक सदस्य और इसके पैतृक संगठन जन संघ की प्रमुख समर्थक विजयाराजे ने उस समय अपने बेटे के खिलाफ प्रचार किया था, जो राजीव गांधी के कहने पर भाजपा प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे।
एंटनी परिवार की कहानी चुनावी राजनीति और व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षाओं के बीच द्वंद्व का बड़ा उदाहरण है। इस बार यानी 2024 के लोक सभा चुनाव में एंटनी की तरह कई परिवारों के बीच खींचतान और यहां तक कि बहन-भाई के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता देखने को मिलेगी। लेकिन सभी माता-पिता ऐसे नहीं हैं कि राजनीति के लिए पारिवारिक संबंधों को तिलांजलि दे दें। भले उन्हें अपनी विचारधारा से हटने की तोहमत झेलनी पड़े या पार्टी की सदस्यता जाए, वे अपने परिवार के सदस्यों या बेटे-बेटी के राजनीतिक भविष्य के लिए हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।
ओडिशा में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ विधायक सुरेश राउ को इसलिए कारण बताओ नोटिस दिया है, क्योंकि उन्होंने भुवनेश्वर लोक सभा सीट से बीजू जनता दल (बीजद) के उम्मीदवार अपने बेटे का खुलकर समर्थन किया है। राउत्रे जटानी विधान सभा सीट से छह बार विधायक रहे हैं।
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