नियामक की सख्ती
■ आरबीआई ने कहा, अगर ये कंपनियां खुद से अपनी नीतियों में सुधार नहीं करती हैं तो केंद्रीय बैंक उनके खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के ‘किसी भी कीमत पर तेजी से वृद्धि’ करने के तरीकों पर चिंता जताते हुए चेतावनी दी है।
उसने कहा है कि अगर ये कंपनियां खुद से अपनी नीतियों में सुधार नहीं करती हैं तो केंद्रीय बैंक उनके खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा। इसके साथ ही उसने एनबीएफसी को अपने मौजूदा क्षतिपूर्ति तौर-तरीकों, वेरिएबल पे और प्रोत्साहन ढांचे की समीक्षा करने का निर्देश दिया है क्योंकि कुछ एनबीएफसी में ये पूरी तरह से लक्ष्य-आधारित हैं।
दास ने कहा, ‘कुछ एनबीएफसी अपने पोर्टफोलियो के पैमाने और जटिलता के अनुरूप टिकाऊ व्यावसायिक प्रणालियों और जोखिम प्रबंधन व्यवस्था बनाए बिना आक्रामक रूप से वृद्धि पर जोर दे रही हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘किसी भी कीमत पर वृद्धि’ का अविवेकपूर्ण दृष्टिकोण उनकी स्वयं की सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होगा।
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अभी कमीशन वापस लेने की योजना नहीं
सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने नए सरेंडर मूल्य मानदंडों के अनुसार अपने वितरकों के लिए कमीशन संरचना में बदलाव किया है, लेकिन अभी तक कोई कमीशन वापस लेने की योजना (क्लॉबैक) शुरू नहीं की गई है और इसे शुरू करने की कोई योजना भी नहीं है। शुक्रवार को कंपनी परिणाम के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में एलआईसी के प्रबंधन ने यह जानकारी दी।