तकदीर ने टाटा समूह को ऐसी स्थिति में रखा था जहां कुछ ही लोगों को यह उम्मीद थी कि वह कामयाब हो सकेंगे। बहरहाल वह कामयाब ही नहीं हुए बल्कि उन्होंने भारी-भरकम टाटा समूह को भारत केंद्रित समूह से दुनिया के सबसे अहम नामों में से एक बनाने में निर्णायक भूमिका भी निभाई। उन्होंने समूह को पुराने जमाने के कारोबार से एक आधुनिक समूह बनाया जिसका सॉफ्टवेयर कारोबार उसकी सबसे अहम पहचान बना। एयर इंडिया जो कभी टाटा समूह से अलग हुआ था वह दोबारा टाटा समूह के पाले में आया। समान महत्त्व की एक बात यह भी है कि टाटा ने समूह के चरित्र में बदलाव किया और उसे एक संघीय ढांचे से बदलकर एक समेकित परिचालन वाला बनाया जिसका नेतृत्व समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के पास है जो टाटा ट्रस्ट के नियंत्रण में रहती है।
आश्चर्य नहीं कि टाटा समूह के नेतृत्वकर्ता के रूप में उनकी यात्रा 1991 में आरंभ हुई। यही वह वर्ष था जब भारत ने आर्थिक सुधारों और उदारीकरण को अपनाया था। एक आर्थिक शक्ति के रूप में भारत का उदय हुआ और दुनिया भर में भारत की प्रबंधन और तकनीकी क्षेत्र की प्रतिभाओं का विस्तार हुआ। इस पूरे किस्से में असंख्य बिंदुओं को मिलाने वाले सूत्र के रूप में टाटा की निजी यात्रा को भी देखा जा सकता है। गीता पीरामल ने 1990 के दशक में पहली बार प्रकाशित पुस्तक ‘बिज़नेस महाराजाज’ में लिखा, ‘टाटा होना कठिन है। यह उपनाम नाकाम होने की इजाजत नहीं देता।’ फिर भी जब टाटा ने पद संभाला तो बुद्धिमानों का यही मानना था कि उन्हें नाकामी हाथ लगेगी।
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तिब्बत में 6.8 तीव्रता के भूकंप से 126 की मौत
तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 126 लोगों की मौत और 188 व्यक्ति घायल हो गए। पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके कारण इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए।
इस साल 6 नई फंड कंपनी देंगी दस्तक
इस साल 68 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग में कई नई एफएम कंपनियां दस्तक देने की तैयारी कर रही हैं।
आरईसी की 2,848 करोड़ रु. फंसा कर्ज बेचने की योजना
अभिजीत ग्रुप की इकाई है कॉरपोरेट पावर लिमिटेड जो परिसमापन की प्रक्रिया में है
देश के कृषि व संबंधित गतिविधियों में फिर वृद्धि की आस
बेहतरीन बारिश के कारण खरीफ की फसल अच्छी रहने और रबी की शानदार बोआई से वित्त वर्ष 2025 में स्थिर मूल्य पर कृषि व संबंधित गतिविधियों का सकल मूल्यवर्धन 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 में 1.4 प्रतिशत था
कम जीडीपी के बावजूद हासिल हो जाएगा राजकोषीय घाटे का लक्ष्य
बजट अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपये कम रहने के कारण हासिल हो जाएगा लक्ष्य
पूंजीगत खर्च, सेफगार्ड शुल्क इस्पात के लिए मुख्य कारक
आयात में तेजी, निर्यात में नरमी और कमजोर कीमतों का असर कैलेंडर वर्ष 2024 में भारतीय इस्पात उद्योग पर स्पष्ट दिखा है। जैसे-जैसे सेफगार्ड शुल्क की संभावना बढ़ रही है, उद्योग के सामने बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा है कि क्या 2025 बेहतर वर्ष होगा ?
जीडीपी बढ़ेगा 6.4 फीसदी
एनएसओ के अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर चार साल में सबसे कम रहने के आसार
एचएमपीवीः सतर्कता बरतें राज्य
देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों से सांस से जुड़ी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और यह बीमारी फैलने से रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने को कहा है।
'केंद्रीय बजट में न हो दिल्ली के लिए कोई खास ऐलान'
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने की घोषणा
मुद्रा की कीमत में बदलाव और बाजार की भूमिका
अगर मुद्रा में बिना किसी हस्तक्षेप के निरंतर उतार-चढ़ाव होते रहने दिया जाए तो यह बेहतर होता है। यकीनन बाजार इस मामले में बेहतर काम करता है।