विनिमय दर में अनिश्चितता का अर्थव्यवस्था से ताल्लुक
Business Standard - Hindi|October 24, 2024
कुछ लोगों की नजर में मुद्रा विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव हर अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए बाधा है मगर हकीकत में यह आर्थिक लचीलेपन का एक महत्त्वपूर्ण तत्व है। बता रहे हैं के पी कृष्णन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल में सार्वजनिक तौर पर सीना चौड़ा कर पिछले कुछ वर्षों में मुद्रा विनिमय दरों में स्थिरता का जिक्र किया। क्या यह वाकई ऐसी उपलब्धि है जिस पर आरबीआई इतरा सकता है? कंप्यूटर क्रांति की भाषा में पूछें तो यह खूबी है या खामी? आइए, पहले तथ्यों पर विचार करते हैं।

सबसे ऊपर दर्शाएं गए ग्राफ (रुपया-डॉलर की चाल) में एक सपाट जगह दिखती है जहां अमेरिकी डॉलर और रुपये की विनिमय दर जाकर लगभग ठहर जाती है यानी इसमें हलचल कम हो जाती है। सबसे नीचे दर्शाएं ग्राफ में दीर्घकालिक ऐतिहासिक दृष्टिकोण दर्शाया गया है। आखिरी बार 2006 में यह सपाट जगह देखी गई थी। एक लंबी अवधि तक विनिमय दर सरकारी नियंत्रण में रखने के बाद भारत ने मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बड़ा कदम उठाया। अब एक बार फिर अर्थव्यवस्था में एक महत्त्वपूर्ण मूल्य अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी नियंत्रण की जद में आ गया है।

वर्ष 1994-2044 के बीच की अवधि के नीति निर्धारकों ने सरकार नियंत्रित दर से बाजार निर्धारित दर की तरफ कदम क्यों बढ़ाया जो हरेक दिन बदलती रहती है? इसका पहला पहलू बाजार अर्थव्यवस्था का महज बुनियादी तर्क है। बाजार में प्रत्येक दिन आपूर्ति एवं मांग के बीच खेल चलता रहता है जिससे मूल्य निर्धारण होता रहता है। मुल्य नीतिगत निर्णयों के केंद्र में नहीं होता है। इसे समझने के लिए एक उदाहरण पर विचार करते हैं। थोड़ी देर के लिए मान लेते हैं कि बाजार में कुछ कारणवश पेंसिल की कीमत बढ़ जाती है।

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM BUSINESS STANDARD - HINDIView all
Business Standard - Hindi

राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति खन्ना को दिलाई शपथ

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

time-read
1 min  |
November 12, 2024
Business Standard - Hindi

व्यापार समझौतों का पुनर्परीक्षण

गत सप्ताह नई दिल्ली में एक औद्योगिक संस्था के मंच से बोलते हुए सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रमण्यम ने इस बात की हिमायत की कि भारत को बहुपक्षीय व्यापार समझौतों में शामिल होने पर विचार करना चाहिए। वह क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसेप) और प्रशांत पार साझेदारी के लिए व्यापक एवं प्रगतिशील समझौते (सीपीटीपीपी) का जिक्र कर रहे थे।

time-read
2 mins  |
November 12, 2024
Business Standard - Hindi

एसबीआई के दिए जाने वाले ऋण में होगी वृद्धि

एसबीआई को वित्त वर्ष 25 में ऋण बही खाते में 14-16 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान

time-read
1 min  |
November 12, 2024
Business Standard - Hindi

आईआरएफसी ने जुटाया धन

7.14 प्रतिशत की कूपन दर से 15 साल की परिपक्वता वाले बॉन्ड से 1,415 करोड़ रु. जुटाए

time-read
1 min  |
November 12, 2024
Business Standard - Hindi

सिडैन श्रेणी की नई पेशकश से कार बाजार में बढ़ेगी हलचल

मारुति ने पेश की चौथी पीढ़ी की डिजायर

time-read
1 min  |
November 12, 2024
Business Standard - Hindi

भारतीय दवा बाजार में 6 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि

भारतीय औषधि बाजार (आईपीएम) में अक्टूबर 2024 के दौरान 6.1 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि दर्ज की गई है और प्रमुख उपचारों में अच्छी मूल्य वृद्धि देखी गई है। बाजार अनुसंधान निकाय फार्मारैक की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।

time-read
1 min  |
November 12, 2024
Business Standard - Hindi

एमेजॉन इंडिया की मार्केटप्लेस इकाई का शुद्ध नुकसान घटा

एमेजॉन सेलर सर्विसेज ने पिछले वित्त वर्ष परिचालन राजस्व में 14 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया

time-read
1 min  |
November 12, 2024
प्रचार के अंतिम दिन आरोपों के तीखे बाण
Business Standard - Hindi

प्रचार के अंतिम दिन आरोपों के तीखे बाण

झारखंड विधान सभा चुनाव: पहले चरण में 43 सीटों पर बुधवार को होगा मतदान

time-read
3 mins  |
November 12, 2024
अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद बढ़ता जा रहा एसपी आईईएफ
Business Standard - Hindi

अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद बढ़ता जा रहा एसपी आईईएफ

सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनैशनल इकनॉमिक फोरम (एसपीआईईएफ) के निदेशक एलेक्सी वाल्कोव ने कहा कि रूस पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद एसपी आईईएफ में प्रतिभागियों और कारोबारियों की संख्या बढ़ रही है। एसपी आईआईएफ को दावोस के विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) का समकक्ष संगठन माना जाता है।

time-read
2 mins  |
November 12, 2024
अभी कमीशन वापस लेने की योजना नहीं
Business Standard - Hindi

अभी कमीशन वापस लेने की योजना नहीं

सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने नए सरेंडर मूल्य मानदंडों के अनुसार अपने वितरकों के लिए कमीशन संरचना में बदलाव किया है, लेकिन अभी तक कोई कमीशन वापस लेने की योजना (क्लॉबैक) शुरू नहीं की गई है और इसे शुरू करने की कोई योजना भी नहीं है। शुक्रवार को कंपनी परिणाम के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में एलआईसी के प्रबंधन ने यह जानकारी दी।

time-read
1 min  |
November 12, 2024