वेंचर कैपिटल (वीसी) पर नज़र डालें तो बेहद दिलचस्प उद्योग है। पिछले 30 साल में यह सबसे बेहतरीन रिटर्न देने वाली परिसंपत्ति श्रेणी है और रिटर्न का सबसे अधिक वर्गों में बंटवारा भी इसी में नज़र आता है। वेंचर कैपिटल की सफलता एंडाउमेंट मॉडल को खड़ा करने और आगे बढ़ाने में अहम किरदार अदा करती है, जो कम तरलता से भी अधिक रिटर्न हासिल कर लेता है। निवेश के मामले में येल एंडाउमेंट की सफलता वीसी पर दांव खेलने का ही परिणाम है। इस परिसंपत्ति श्रेणी में होना तब समझदारी है, जब आप उन शीर्ष 10 फंडों में निवेश करते हैं, जहाँ रिटर्न बहुत जबरदस्त रहा है। अगर आपका शीर्ष 10 फंडों में निवेश नहीं है तो आपको शेयर जैसा रिटर्न ही मिलेगा, जहाँ कम तरलता के लिए आपको कुछ भी नहीं मिलता।
बीते 10 साल का उदाहरण लें तो नैस्डैक 100 ने 5.2 गुना रिटर्न दिया है। वहाँ भी शीर्ष 10 तकनीकी शेयरों ने नौ गुना रिटर्न दिया। गिने-चुने वीसी फंड ही उनसे बेहतर रिटर्न दे पाए हैं और उसके बाद उन फंडों में एक दशक या उससे भी ज़्यादा वक्त के लिए नकदी की किल्लत हो जाती है।
बहरहाल, यह उद्योग चौराहे पर खड़ा प्रतीत होता है, जहाँ कई फंडों की अवधि बढ़ती जा रही है और वितरण एकदम निचले स्तर पर है। निवेशक लंबे समय के लिए रकम आवंटित करने के अपने निर्णय पर प्रश्न उठा रहे हैं और नए फंडों को पूँजी जुटाने में मुश्किल आ रही है। यह उद्योग भी तेज़ी और मंदी के सिलसिले का गवाह बन चुका है। 2014 में इसमें 100 अरब डॉलर का नया वीसी निवेश था, जो 2021 में बढ़कर 700 अरब डॉलर तक पहुँच गया था। आज नया निवेश करीब 350 अरब डॉलर है जो उच्चतम स्तर का आधा है, फिर भी अतीत के लिहाज़ से निवेश का यह अच्छा स्तर है। वास्तविक समस्या निवेश निकालने की है। अमेरिका में 2021 में 700 अरब डॉलर का निवेश निकाल लिया गया था, मगर अब फंड 75 अरब डॉलर सालाना से भी कम निवेश निकाल पा रहे हैं।
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कोहरा और धुंध एक बार फिर परेशान करने लगी है। राजधानी दिल्ली में घने कोहरे के कारण शुक्रवार को आईजीआई एयरपोर्ट पर आने और जाने वाली लगभग 500 उड़ानों में देर हुई जबकि 24 रेलगाड़ियां भी अपने गंतव्य पर देर से पहुंची।
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महिला मतदाताओं की बढ़ती अहमियत
पहली नजर में तो यह चुनाव जीतने का नया और शानदार सियासी नुस्खा नजर आता है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नकद बांटो, परिवहन मुफ्त कर दो और सार्वजनिक स्थानों तथा परिवारों के भीतर सुरक्षा पक्की कर दो। बस, वोटों की झड़ी लग जाएगी। यहां बुनियादी सोच यह है कि महिला मतदाता अब परिवार के पुरुषों के कहने पर वोट नहीं देतीं। अब वे अपनी समझ से काम करती हैं और रोजगार, आर्थिक आजादी, परिवार के कल्याण तथा अपने अरमानों को ध्यान में रखकर ही वोट देती हैं।
श्रम मंत्रालय तैयार कर रहा है रूपरेखा
गिग वर्कर की सामाजिक सुरक्षा
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वित्त वर्ष 2024 में पहली बार गरीबी अनुपात 5 प्रतिशत से नीचे गिरकर 4.86 प्रतिशत पर आ गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 7.2 प्रतिशत था