वजह एक राजनीतिक दल था, जिसके कार्यकर्ताओं ने बैंक के वसूली एजेंटों को उस इलाके में घुसने ही नहीं दिया। मामला इतने पर ही खत्म नहीं हुआ। राजनीतिक दल ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से ऋण माफी का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया जिसे कर्जदारों के बीच बांटकर बताया गया कि किसे कितनी रकम लौटानी नहीं पड़ेगी।
बाद में राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी) की बैठक में एक वरिष्ठ मंत्री ने बैंकरों से कहा कि वे किसानों को क्रेडिट स्कोर जांचे बगैर ही कर्ज देने लगें। एसएलबीसी ऋणदाताओं की संस्था है। इसमें मौजूद ऋणदाता किसी राज्य में बैंकिंग के विकास और समाज कल्याण के कार्यक्रमों पर काम करते हैं, समन्वय करते हैं और एक-दूसरे से सलाह-मशविरा भी करते हैं। यह भारतीय रिजर्व बैंक की प्रमुख बैंक योजना का हिस्सा है। बैंकर वरिष्ठ मंत्री की बात पर राजी नहीं हुए। उन्होंने मंत्री से कहा कि अगर उन्हें किसानों का क्रेडिट स्कोर जाने बगैर ही कर्ज मंजूर करना और बांटना पड़ा तो वे तथाकथित सेवा क्षेत्र पद्धति अपनाएंगे। इसके तहत कर्ज चाहने वाले को स्थानीय बैंक शाखाओं से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना ही पड़ता है। यह योजना 1989 में उत्पादक ऋण बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी। बैंक मंत्री की बात को रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के बाद नकार सके।
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
टैक्सी यूजर ने की डार्क पैटर्न की शिकायत
लोकल सर्कल्स का सर्वेक्षण
खिलौनों से इलेक्ट्रॉनिकी तक 10 मिनट में
इस साल भारतीयों का सुविधा और तुरंत डिलिवरी के लिए प्यार बढ़ गया है और उपभोक्ताओं ने किराना के सामान के अलावा मेकअप और खिलौनों से लेकर वैक्यूम क्लीनर तक का ऑर्डर क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म से किया।
विश्व के नेताओं ने दी मनमोहन को श्रद्धांजलि
देश के उद्योग जगत के दिग्गजों ने भी जताया शोक, उनके योगदान को किया याद
भारत के वाहन उद्योग की बदली तस्वीर
भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ा दांव खेलने वाले ओसामु सुजूकी हमेशा किए जाएंगे याद
चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रमुख जिंसों का निर्यात 5 फीसदी बढ़ा
भारतीय कमोडिटी के निर्यात में अब तेजी देखी जाने लगी है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीने में कुल कमोडिटी निर्यात में करीब है। कुछ गैर 5 फीसदी इजाफा हुआ बासमती चावल पर लगे प्रतिबंध से पहले कुल कमोडिटी निर्यात में सुस्ती देखी जा रही थी।
अपतटीय खनिज नीलामी की राह में कई चुनौतियाँ
कुल 13 ब्लॉकों में से गुजरात के तट के पास लाइम स्टोन के तीन जी3 ब्लॉकों में अनुमानित 171.2 करोड़ टन संसाधन मौजूद
सरकारी कंपनियों का सीएसआर पर खर्च 4 साल के उच्च स्तर पर
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक उद्यमों के ताजा सर्वे के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च वित्त वर्ष 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 4,911 करोड़ रुपये हो गया है।
आगाज पर चमके 5 कंपनियों के शेयर
शेयरधारकों को सूचीबद्धता पर 18 फीसदी से लेकर 159 फीसदी तक का फायदा हुआ
ईटीएफ, इंडेक्स फंड फोलियो बढ़े
इंडेक्स फंडों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने 2024 में निवेश खातों में शानदार इजाफा दर्ज किया है। सेक्टोरल और थीमेटिक निवेश के प्रति उत्साह बढ़ने से इन फोलियो में तेजी देखने को मिली। इंडेक्स फंडों में निवेश खाते या फोलियो चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान दोगुने होने की ओर हैं जबकि ईटीएफ में फोलियो पहले ही 37 प्रतिशत बढ़ चुके हैं, हालांकि दिसंबर के आंकड़े अभी बाकी हैं। नवंबर में समाप्त 11 महीनों के दौरान पैसिव निवेश खंड में प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 23 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
दिसंबर के पहले पखवाड़े में ऋण-जमा 11.5 फीसदी बढ़ा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 13 दिसंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण वृद्धि ने रफ्तार पकड़ी है।