■ अगले पखवाड़े बाकू में होगा कॉप29
■ ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका इस सम्मेलन से बना सकता है दूरी, जलवायु कार्रवाई के लिए धन प्रवाह पर पड़ेगा असर
■ भारत ने भी अभी सम्मेलन में शिरकत करने की पुष्टि नहीं की है
वर्ष 2024 अभी तक का सबसे गर्म साल रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में सबकी नजरें अगले पखवाड़े बाकू में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (कॉप29) पर टिकी हैं। कॉप29 इसलिए भी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है कि यह वाटरशेड पेरिस कॉप21 और ग्लोबल नॉर्थ द्वारा किए गए नए फाइनैंसिंग वादों के बाद राष्ट्रीय स्तर पर संशोधित निर्धारित योगदान (एनडीसी) का गवाह बनेगा।
लेकिन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के इस सम्मेलन से किनारा करने की आशंका है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अमेरिका इस सम्मेलन में शिरकत करने की अनिच्छा जता सकता है जिससे कॉप29 के मकसद पर पानी फिर सकता है।
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'तत्काल सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख नहीं, ईमेल या पत्र भेजा जाए'
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान आज, राज्य की सीमाओं पर चौकसी बढ़ी, वायनाड लोक सभा क्षेत्र में भी पड़ेंगे वोट
सरकारी बैंकों ने दर्ज की 11% की मजबूत वृद्धि
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'जेनको को सूचीबद्ध करें राज्य
देश के बिजली क्षेत्र में इस दशक में करीब 22 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत का हवाला देते हुए केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यों से अपनी लाभ वाली इकाइयों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का अनुरोध किया है।
विल्सन ऐंड ह्यूज ने कॉक्स ऐंड किंग्स की परिसंपत्ति, ब्रांड का किया अधिग्रहण
सौदे की रकम का नहीं किया गया खुलासा
बाजार भागीदारी बढ़ाने पर रहेगा ब्रिटानिया का जोर
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गिरावट के बाद इंडसइंड कितना आकर्षक?
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई ने मंगलवार को निवेशकों के डीमैट खाते में प्रतिभूतियों को सीधे क्रेडिट करने की योजना वापस लेने की घोषणा की। इसे 11 नवंबर से प्रभावी हुई थी। एक्सचेंजों ने सूचित किया कि कुछ मामलों में उन्हें थोड़े विलंब का सामना करना पड़ा और इस वजह से सीधे क्रेडिट की सुविधा टालनी पड़ी।
स्थिर सरकार नहीं दे सकता एमवीए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को \"अस्थिर गाड़ी\" करार देते हुए कहा यह कभी स्थिर सरकार नहीं दे सकती।
5 महीने के निचले स्तर के करीब निफ्टी
आय के मोर्चे पर निराशा, विदेशी निवेश निकासी का असर शेयर बाजारों पर बरकरार रहा