सर्दियां दहलीज पर हैं। हवा की गति धीमी पड़ने लगी है और प्रदूषक तत्त्व वातावरण में ठहरने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह समस्या इतनी गंभीर होने वाली है कि सांस लेना भी दूभर हो जाएगा। हम केवल उम्मीद और प्रार्थना ही कर सकते हैं कि वायु और इंद्र देव की कृपा हो तो इस जानलेवा प्रदूषण से छुटकारा मिले। इसका कारण यह है कि वर्षों से हम इसी तरह वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं, लेकिन इससे निपटने के लिए कोई खास उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
प्रदूषण से बचाव के फौरी उपाय के तौर पर आपात चेतावनी प्रणाली के रूप में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) लाया गया था। वायु प्रदूषण बढ़ने पर यह इकलौता काम है, जो प्रदूषण से निपटने के तौर पर हम करते हुए दिखते हैं। लेकिन, यह कदम भी इतनी देर से उठाया जाता है कि उस समय इसका कोई खास फायदा नहीं होता। इसी समय बताया जाता है कि सरकार कृत्रिम बादलों के जरिये वर्षा कराएगी, जिससे प्रदूषक तत्त्व धुल जाएं और आसमान साफ हो। ऐसी खबरें उस स्थिति में आती हैं जब हम सब इस तथ्य से वाकिफ हैं कि प्रदूषक तत्त्व हवा में फैली नमी से लिपट जाते हैं और बारिश से नमी बढ़ेगी तो यह समस्या दूर होने के बजाय और भी जटिल बनेगी।
इसलिए हमें हवा-हवाई बातें न कर, यह समझना होगा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए आखिर क्या किया जा सकता है। सबसे पहले तो यह देखना होगा कि हमने अभी तक वायु प्रदूषण समाप्त करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। यह बात है 1990 के दशक की जब सेंटर फॉर साइंस ऐंड एन्वायरनमेंट (सीएसई) ने 'स्लो मर्डर' यानी 'तड़पा कर मारना' शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसी के साथ सीएसई ने प्रदूषण से निपटने के लिए एक वृहद कार्ययोजना भी पेश की थी।
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चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रमुख जिंसों का निर्यात 5 फीसदी बढ़ा
भारतीय कमोडिटी के निर्यात में अब तेजी देखी जाने लगी है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीने में कुल कमोडिटी निर्यात में करीब है। कुछ गैर 5 फीसदी इजाफा हुआ बासमती चावल पर लगे प्रतिबंध से पहले कुल कमोडिटी निर्यात में सुस्ती देखी जा रही थी।
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कुल 13 ब्लॉकों में से गुजरात के तट के पास लाइम स्टोन के तीन जी3 ब्लॉकों में अनुमानित 171.2 करोड़ टन संसाधन मौजूद
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वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक उद्यमों के ताजा सर्वे के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च वित्त वर्ष 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 4,911 करोड़ रुपये हो गया है।
आगाज पर चमके 5 कंपनियों के शेयर
शेयरधारकों को सूचीबद्धता पर 18 फीसदी से लेकर 159 फीसदी तक का फायदा हुआ
ईटीएफ, इंडेक्स फंड फोलियो बढ़े
इंडेक्स फंडों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने 2024 में निवेश खातों में शानदार इजाफा दर्ज किया है। सेक्टोरल और थीमेटिक निवेश के प्रति उत्साह बढ़ने से इन फोलियो में तेजी देखने को मिली। इंडेक्स फंडों में निवेश खाते या फोलियो चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान दोगुने होने की ओर हैं जबकि ईटीएफ में फोलियो पहले ही 37 प्रतिशत बढ़ चुके हैं, हालांकि दिसंबर के आंकड़े अभी बाकी हैं। नवंबर में समाप्त 11 महीनों के दौरान पैसिव निवेश खंड में प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 23 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
दिसंबर के पहले पखवाड़े में ऋण-जमा 11.5 फीसदी बढ़ा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 13 दिसंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण वृद्धि ने रफ्तार पकड़ी है।