कॉप 29 बैठकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकसित देश अपने पापों की भरपाई नहीं करेंगे। इसके परिणामस्वरूप भारत तथा अन्य विकासशील देशों को न तो समुचित सहायता मिलेगी और न ही सब्सिडी वाला ऋण मिलेगा। वहां जो कुछ हुआ वह कम से कम मेरे लिए पूरी तरह अपेक्षित था। जिस पैमाने पर सहायता की आवश्यकता है वह किसी भी विकसित देश के लिए राजनीतिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। ज्यादा से ज्यादा वे ऋण सुविधाओं का वादा कर सकते थे जो विकासशील देशों को भारी कर्ज में डालने वाली बात ही होती। बहरहाल, जलवायु परिवर्तन से संबंधित बदलावों से जुड़े कर्ज की समस्या अब आड़े नहीं आएगी। इसके बजाय अब हमें बुनियादी समस्या पर ध्यान देना होगा। मसलन जलवायु परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं के बीच हम कैसे बचें और समृद्धि हासिल करें।
यह चुनौती छोटी नहीं है। साक्ष्य बताते हैं कि बदलाव और आय को होने वाला नुकसान दोनों अनुमान से अधिक होंगे। जलवायु मॉडल बताते हैं कि दक्षिण एशिया सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में शामिल है। अब यह स्पष्ट है कि औसत ताप वृद्धि जहां 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य से ऊपर रहेगी वहीं चुनिंदा स्थानों पर कुछ खास दिनों में तापमान अनुमान से अधिक रहेगा। ऐसे में उत्तर भारत में 50 डिग्री से अधिक गर्मी का हालिया अनुभव उस बात की झलक है जो आने वाले समय में सामने आ सकती है।
इतना ही नहीं, हालिया शोध बताता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण आय पर पड़ने वाला असर बहुत गहरा होगा। यह पहले लगाए गए अनुमानों से कहीं अधिक होगा। कृषि पर हुए अध्ययन पहले ही यह दिखा रहे हैं कि उच्च तापमान और कम खाद्य उत्पादन के बीच गहरा संबंध है। असंगठित क्षेत्र की आय भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है क्योंकि उच्च तापमान स्वास्थ्य आदि को प्रभावित कर रही है। कुल मिलाकर बढ़ती गरमी आय और उत्पादकता पर नकारात्मक असर डाल रही है।
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
केन-बेतवा रिवर लिंक का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में एक समारोह के दौरान केन-बेतवा रिवर लिंक परियोजना का शिलान्यास किया।
आप सरकार की योजनाओं से अधिकारियों ने बनाई दूरी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा हाल में घोषित दो प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं पर सियासी बवाल मच गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष आवास बाजार का बढ़ता दायरा
भारत में संपन्न वरिष्ठ नागरिकों की आबादी की तादाद अच्छी खासी है जो रिटायरमेंट के बाद जिंदगी को बेहतर और स्वतंत्र तरीके से बिताना चाहते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में कारोबार के लिए अच्छी संभावनाएं बन रही हैं।
प्रौद्योगिकी से बुजुर्गों की देखभाल
भारत की बढ़ती आबादी के साथ परिवारों और स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लिए बुजुर्गों की देखभाल जरूरी होती जा रही है।
2024 में बदल गई दुनिया की तस्वीर
वर्ष 2024 पूरी दुनिया के लिए उठापटक भरा रहा है। अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के सनसनीखेज चुनाव अभियान और राष्ट्रपति पद पर दोबारा निर्वाचन, पश्चिम एशिया में हमलों और जवाबी हमलों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों के दरम्यान वैश्विक संबंधों की दिशा और दशा दोनों ही बदल गई। देशों की कूटनीतिक ताकत कसौटी पर कसी गई और दुनिया एक नए इतिहास की साक्षी बन गई।
स्थिरता के साथ कैसे हासिल हो वृद्धि?
वर्ष 2025 में ऐसी वृहद नीतियों की आवश्यकता होगी जो घरेलू मांग को सहारा तो दें मगर वृहद वित्तीय स्थिरता के सामने मौजूद जोखिमों से समझौता बिल्कुल नहीं करें। बता रही हैं सोनल वर्मा
विकास और वनीकरण में हो बेहतर संतुलन
टाइम्स ऑफ इंडिया के दिल्ली संस्करण में 3 दिसंबर 2024 को छपी एक खबर में कहा गया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच की एक रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया था कि भारत में सन 2000 से अब तक लगभग 23 लाख हेक्टेयर वन नष्ट हो गए।
ड्रिप सिंचाई बढ़ाने के लिए 500 करोड़ के पैकेज की मांग
भारत में 67 प्रतिशत कपास का उत्पादन वर्षा पर निर्भर इलाकों में होता है
अक्टूबर में नई औपचारिक भर्तियां 21 प्रतिशत घटीं
अक्टूबर में ईपीएफ में नए मासिक सबस्क्राइबरों की संख्या मासिक आधार पर 20.8 प्रतिशत घटकर 7 माह के निचले स्तर 7,50,000 पर पहुंच गई है, जो सितंबर में 9,47,000 थी
ग्रीन स्टील खरीद के लिए संगठन नहीं
इस्पात मंत्रालय के ग्रीन स्टील (हरित इस्पात) की थोक खरीद के लिए केंद्रीय संगठन स्थापित करने के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है।