पिछले कुछ महीनों में राजनीतिक, व्यावसायिक, सामाजिक और सांस्कृतिक हलकों की कुछ बड़ी हस्तियों ने भारत की जनसंख्या के कई पहलुओं पर बात की है। उद्योग जगत की एक जानी-मानी शख्सियत ने बढ़ती आबादी पर फिक्र जताई है तो कई दूसरे लोग प्रजनन दर में गिरावट से चिंता में पड़े हैं। उनकी बातें देश में जनसंख्या से जुड़े उन तमाम पहलुओं को दर्शाती हैं, जो हाल में सामने आए हैं और जिनका असर सदी के बाकी हिस्से पर दिखता रहेगा।
सदी का पहला दशक देखें तो जनगणना के मुताबिक 2001 से 2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार घटकर 17.70 फीसदी रह गई, जो इससे पिछले दशक में 21.54 फीसदी थी। इसका मतलब साफ है कि 2001 से 2011 वाले दशक में देश की आबादी में कुछ कम इजाफा हुआ। वास्तव में यह इजाफा उससे पहले के छह दशकों में सबसे कम थी। इससे पहले 1951 में आबादी केवल 13.31 फीसदी बढ़ी थी। इसकी वजह भारत की कुल प्रजनन दर थी, जो 2001 से 2011 के दशक में घटकर 2.2 रह गई। इसका मतलब है कि देश में हर दंपती के औसतन 2.2 संतानें हुईं, जबकि यह दर 1991 से 2000 के दशक में 2.5 थी। 2001-2011 का आंकड़ा 2.2 के रीप्लेसमेंट स्तर से मामूली अधिक था। रीप्लेसमेंट स्तर वह आंकड़ा होता है, जितनी संतानें किसी मां को जनसंख्या स्थिर रखने के लिए चाहिए होती हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल प्रजनन दर 2015-16 में भी 2.2 ही रही मगर 2019 से 2021 के दौरान घटकर 2 रह गई, जो रीप्लेसमेंट लेवल से कम है। इसका मतलब है कि देश की आबादी में अब गिरावट आएगी। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) के अनुमानों से पता चलता है कि 2025 से वृद्धि दर सालाना 1 फीसदी के दायरे में रहने पर भी भारत की आबादी में गिरावट 2062 से पहले नहीं दिखेगी।
यूएन डीईएसए के अनुमान के बावजूद कि भारत की जनसंख्या वृद्धि दर 2025 में घटकर 0.9 फीसदी रह जाएगी। इसके बावजूद उस साल आबादी 1.31 करोड़ बढ़ जाएगी। यह भारत की जनसंख्या पर आधारित है जो वर्ल्डोमीटर के अनुसार 16 दिसंबर तक 1.46 अरब थी। वर्ल्डोमीटर ने चीन की जनसंख्या 1.42 अरब बताई है।
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
अमेरिका को निर्यात बढ़ाने की तैयारी पर जोर
इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिकी, खिलौने, परिधान, कार्बनिक व अकार्बनिक रसायन और चमड़ा शामिल हैं
दो दिन में 7 फीसदी चढ़ा इंडिगो का शेयर
विमानन कंपनी इंडिगो के शेयर ने मंगलवार को फिर से उड़ान भरी और यह दिन के कारोबार में 5.12 प्रतिशत तक चढ़कर 4,668.24 रुपये पर पहुंच गया। पिछले दो कारोबारी सत्रों के दौरान इस शेयर में 7 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई है।
ऐंजल वन एमएफ का पैसिव खंड पर जोर
ऐंजल वन एमएफ ने पैसिव खंड की दौड़ में आगे रहने के लिए वितरण क्षेत्र में मजबूत होने पर ध्यान केंद्रित किया
विकसित भारत के लिए बदलनी होगी मानसिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानेमाने अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की
वक्त के साथ लगातार बदल रहा खरीदारी अनुभव
उपभोक्ताओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही ओमनीचैनल (फिजिकल और डिजिटल) खरीदारी
रियल एस्टेट के लिए मिलाजुला साल
आपूर्ति व बिक्री में कमी का अनुमान, विशेषज्ञों को नए साल में आपूर्ति में वृद्धि होने की उम्मीद
चयन की प्रक्रिया पर कांग्रेस की असहमति
मानवाधिकार आयोग चयन समिति
प्रगति रिपोर्ट
ज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर रिजर्व बैंक का ताजा अध्ययन गत सप्ताह जारी किया गया। यह दिखाता है कि समेकित स्तर पर काफी प्रगति हुई है।
भारत-अमेरिका एफटीए की परिकल्पना
इस समय एकदम सही अवसर है, जिसका लाभ उठाकर भारत और अमेरिका के रिश्तों को और अधिक गहराई प्रदान की जा सकती है।
मुख्यधारा को टक्कर देता समानांतर मीडिया
त्रिनयनी (जी तेलुगू पर इसी नाम से आ रहे धारावाहिक की मुख्य किरदार) के पास भविष्य देखने की शक्ति है, जिससे वह अपने परिवार की रक्षा करती है।