दानदाताओं के नाम पर राष्ट्रीय दल चुप, कई क्षेत्रीय दलों ने पहचान जाहिर की
Jansatta|March 18, 2024
चुनावी बांड : निर्वाचन आयोग ने जारी किए 2019 के आम चुनाव से पहले के भुगतान के आंकड़े

चुनावी बांड के विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या (यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड) के खुलासे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले रविवार को चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को मिले चंदे के नए आंकड़े जारी कर दिए।

मार्च 2018 से अप्रैल 2019 यानी पिछले आम चुनाव से पहले दलों को मिले भुगतान के आंकड़े सार्वजनिक किए गए हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों में राजनीतिक दलों द्वारा किए गए खुलासों की स्कैन की गई प्रतियां शामिल हैं। यह प्रतियां सैकड़ों पृष्ठों में हैं। द्रमुक, अन्नाद्रमुक, जद (सेकु), नेशनल कांफ्रेंस जैसे दल दानदाताओं की पहचान का खुलासा करने वाले कुछ राजनीतिक दलों में शामिल हैं। जबकि भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल और आप जैसे प्रमुख दलों ने निर्वाचन आयोग को इन विवरणों का खुलासा नहीं किया था।

चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2018 में चुनावी बांड योजना के लागू होने के बाद से इनके ( बांड के) माध्यम से सबसे अधिक 6,986.5 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त हुई। इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़ रुपए), कांग्रेस (1,334 करोड़ रुपए) और भारत राष्ट्र समिति (1,322 करोड़ रुपए) का स्थान रहा। आंकड़ों के मुताबिक, ओड़ीशा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजद को 944.5 करोड़ रुपए मिले। इसके बाद द्रमुक ने 656.5 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने लगभग 442.8 करोड़ रुपए के बांड भुनाए।

रद्द हो चुके चुनावी बांड के शीर्ष खरीदार 'फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज' ने इसके माध्यम से तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक को 509 करोड़ रुपए का दान दिया। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) द्वारा बताए गए 656.5 करोड़ रुपए के चुनावी बांड से प्राप्त कुल प्राप्तियों में 'फ्यूचर गेमिंग 'द्वारा दिया गया दान 77 फीसद से अधिक है। इस कंपनी के मालिक, 'लाटरी किंग' सैंटियागो मार्टिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं।

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