न भूलेंगे, न माफ करेंगे
Panchjanya|December 11, 2022
वही होटल ताज पैलेस, वही वार रूम, वही तारीख - 26 नवम्बर। अंतर सिर्फ यह था कि जो ताज पैलेस 2008 के 26 नवम्बर को रक्तरंजित हो गया था, कराह रहा था, वही ताज पैलेस अब 2022 में आतंक का मुंह कुचल दिए जाने के संकल्प की घोषणा कर रहा था।
न भूलेंगे, न माफ करेंगे

अवसर था 26/11 की चौदहवीं बरसी पर आतंकवादियों की मंशा को परास्त करने का मुंबई की जनता का हौसला, आतंकवाद के विभिन्न पहलू, आतंकवाद का प्रतिष्ठान तंत्र, हमारी तैयारियां जैसे अनेकानेक बिंदुओं पर पाञ्चजन्य के आयोजन 'मुंबई संकल्प' का । वास्तव में वह हमला कई प्रश्न खड़े कर रहा था। पाञ्चजन्य ने उन प्रश्नों का उत्तर खोजने की चेष्टा की । एक वाक्य में उत्तर यह कि अब भारत आतंकवाद से डरने-सहमने वाला भारत नहीं है, बल्कि अब भारत आतंकवाद को आतंकित कर देने वाला भारत है। यह भारत आतंकवाद की निंदा नहीं करता, आतंकवाद की जड़ों को चिरनिंद्रा दे देता है । यह भारत जीवंत भी है, फिर उठ खड़े होना सीख चुका है, और एकजुट भी है।

पाञ्चजन्य के ‘मुंबई संकल्प' आयोजन ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की एकजुटता और आतंकवाद को बहुत महंगा सौदा साबित करवा देने के भारत के संकल्प को प्रकट किया। कैसे सूझ-बूझ भरी कानूनी लड़ाई लड़ी गई! कैसे भारत की सांस्कृतिक गहराई और उसकी सुदृढ़ता अब एक ढाल बन कर खड़ी हो चुकी है! कैसे राजनीतिक कायरता के स्थान पर राजनीतिक दृढ़ता ने आतंकवाद को उसकी ही मांद में घुसकर परास्त कर दिया है ! इन अनेक प्रश्नों का विस्तार से उत्तर हमें ‘मुंबई संकल्प’ के विभिन्न सत्रों में मिला । प्रस्तुत है इनकी विस्तृत रिपोर्ट- न भूलेंगे, न माफ करेंगे।

ये नया भारत है - देवेंद्र फडणवीस

मुंबई ने 26/11 की घटना के बाद जो जिजीविषा दिखाई, वह स्मरणीय है। आज मुंबई का स्वरूप बदल चुका है। सुरक्षा तंत्र में स्थायी मुस्तैदी लाई गई है। मुंबई हमले, उसे रोकने में हुई चूक, उसके मुकदमे के निहितार्थ और फलितार्थ, उससे लिए गए सबक, बदलाव, मुंबई की जनता के हौसले और अब देश की आर्थिक प्रगति का इंजन बनने को तैयार मुंबई पर पाञ्चजन्य के मुंबई संकल्प में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर से बेबाकी से चर्चा की प्रस्तुत हैं इस बातचीत के अंश

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