लगातार अनदेखी का शिकार रहे भारत के रक्षा क्षेत्र को नरेंद्र मोदी सरकार ने नई ऊर्जा से सराबोर कर दिया है। भारत का रक्षा बोध अब कबूतर की तरह खतरा देखकर आंखें नहीं मूंद लेता है, बल्कि बाज की तर प्रत्याक्रमण करने में समर्थ है। दिसंबर महीने में ही तीन बड़े फैसले लिए गए। बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण, नौसेना में स्वदेश निर्मित विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ व आईएनएस वागीर को शामिल करना। आईएनएस मोरमुगाओ अब तक का सबसे घातक युद्धपोत है और इसके आने से भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा चाकचौबंद तो होगी ही, हिंद महासागर में नौसेना की ताकत भी बढ़ेगी। 20 दिसंबर को पांचवीं स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी 'वागीर' मिलने से समुद्र में भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ गई है। ऐसे समय में जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है, इस पनडुब्बी के आने से नौसेना की मारक क्षमता और बढ़ेगी। राफेल और एस-400 मिसाइल प्रणाली की तैनाती पहले ही की जा चुकी है।
आईएनएस मोरमुगाओ दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करेगा, अग्नि-5 एक साथ दुश्मन के कई ठिकानों पर हमले करेगा, जबकि आईएनएस वागीर भी दुश्मन की पनडुब्बियों के लिए घातक साबित होगा। इससे पहले, हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी युद्धपोतों, पनडुब्बियों की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर सितंबर में स्वदेशी आईएनएस विक्रांत सागर में उतारा गया था। इस माह 15 दिसंबर को भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया, जिसने 5,000 किमी दूर स्थित लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा। डीआरडीओ ने वजन घटाकर मिसाइल का परीक्षण किया था। अब यह मिसाइल 7,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार कर सकती है। इससे पहले, बीते 9 दिसंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ के साथ संयुक्त रूप से हाइपरसोनिक व्हीकल का सफल परीक्षण किया था। हाइपरसोनिक व्हीकल वर्तमान समय की सबसे उन्नत तकनीक है। यह न केवल अंतरिक्ष में जल्दी पहुंच सकता है, बल्कि लंबी दूरी तक मिसाइल और वाणिज्यिक हवाई यात्रा में भी सक्षम है।
कितना घातक है आईएनएस मोरमुगाओ?
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शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
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अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
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