क्रिकेट के जानकारों को इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिल रहा कि वर्ल्ड कप के अपने पहले 10 मैच में प्रभावशाली जीत दर्ज करने के बावजूद फाइनल के दिन टीम इंडिया दब कर क्यों खेली? उस ऑस्ट्रेलिया से कैसे हार गए जो एक वक्त सेमीफाइनल खेलने के लिए भी जूझ रहे थे? वजह कई हैं और इनमें से एक ये कि मिडिल आर्डर में सूर्यकुमार यादव, वनडे के लिए एक कमजोर कड़ी साबित हुए। हार्दिक पांड्या की कमी को भारत ने दो खिलाड़ियों के साथ पूरा किया। पांड्या से भी ज्यादा, पूरे वर्ल्ड कप के दौरान, भारत ने एक और खिलाड़ी की कमी को महसूस किया- वे टीम में नहीं थे अपनी ख़राब फिटनेस के कारण और अगर फिट होते तो ये तय है कि वर्ल्ड कप के मैचों में भारत की प्लेइंग इलेवन की शक्ल ही कुछ और होती। ये और कोई नहीं ऋषभ पंत हैं।
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