कई वह किस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहता है. प्रकृति उसे जहां ले जाना चाहती है, वहीं वह पहुंच जाता है. यह बात अभिनेत्री, मौडल, नृत्य निर्देशक, गायक व कत्थक डांसर एवं अभिनय गुरु दिवंगत रोशन तनेजा की पोती सीरत कपूर पर एकदम सटीक बैठती है. बचपन में पौप सिंगर बनने का सपना देखने वाली सीरत कपूर ने 12 वर्ष की उम्र से अपने मातापिता की सलाह पर कत्थक नृत्य सीखना शुरू किया था.
फिर नृत्य निर्देशक ऐशले लोबो की अकादमी में नृत्य प्रशिक्षक बन गईं. फिर फिल्म 'रौकस्टार' में सहायक नृत्य निर्देशक के रूप में काम करने के साथ ही एक गाने 'नादान परिंदे...' में एक मिनट के लिए नजर आई थीं. मगर उस वक्त तक अभिनेत्री बनने का उन का इरादा नहीं था.
मगर फिर समय ने ऐसी पलटी कि वे आज दक्षिण भारत की स्टार अभिनेत्री हैं. सीरत कपूर ने 2014 में हिंदी फिल्म 'जिद' के अलावा तेलुगु फिल्म 'रन राजा रन' में अभिनय किया था. 'रन राजा रन' की सफलता के साथ ही वे दक्षिण भारत में छा गईं. तेलुगु भाषा की 'टाइगर', 'कोलंबस,' 'कृष्णा ऐंड हिज लीला' सहित 8 सफलतम फिल्मों में अभिनय करने व स्टार अभिनेत्री बनने के बाद सीरत कपूर अब फिल्म 'मारीच' से हिंदी फिल्मों में वापसी कर रही हैं.
प्रस्तुत हैं, सीरत कपूर से हुई ऐक्सक्लूसिब बातचीत के अंश:
आप होटेलियर पिता व एअर होस्टेस मां की बेटी होने के बावजूद अभिनय को कैरियर बनाने के लिए कैसे प्रेरित हुईं ?
मुझे बचपन से ही विविधतापूर्ण ऐक्सपोजर मिलता रहा है. मेरे पिता ने 25 वर्ष तक होटल चलाया, उस के बाद अभिनेता बने अफसोस वे अब इस दुनिया में नहीं हैं. मेरी मां एअर होस्टेस हैं, जबकि मेरे दादा दिवंगत रोशन तनेजाजी एक बेहतरीन अभिनेता ही नहीं बल्कि अभिनय गुरु भी थे. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के कई कलाकारों को अपने ऐक्टिंग स्कूल 'रोशन तनेजा ऐक्टिंग स्कूल' में अभिनय सिखाया. हजारों कलाकारों ने मेरे दादाजी से अभिनय सीखा.
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....