कभी न छोड़ें शादी के बाद नौकरी
Grihshobha - Hindi|March Second 2023
आमतौर पर शादी के बाद एक महिला से यही अपेक्षा की जाती है कि वह अपने सपनों और आकांक्षाओं को त्याग दे. मगर क्या आप को पता है कि इस के पीछे की गहरी साजिश क्या है...
प्रियंका यादव
कभी न छोड़ें शादी के बाद नौकरी

शादी के बाद महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे जौब छोड़ दें क्योंकि घर में रहने वाली महिला को यह समाज संस्कारी महिला की संज्ञा देता है जो बिलकुल भी सही नहीं है. असल में यह समाज महिलाओं को चारदीवारी में कैद रखना चाहता है. ऐसे में महिलाओं को यह चाहिए कि वे शादी के बाद भी अपनी जौब जारी रखें ताकि घर में रहने वाली संस्कारी महिला की छवि को तोड़ा जा सके.

यह समाज शादी के बाद महिलाओं पर घरेलू बनने का दबाव डालता है क्योंकि वह चाहता है कि महिलाएं घर तक ही सीमित रहें. समाज को लगता है कि घर से बाहर निकलने पर महिलाएं अपने हक के बारे में जान जाएंगी और बरसों से चली आ रही रूढ़िवादी परंपराओं को मानने से इनकार कर देंगी. यह एक तरह से बगावत होगी समाज के उन ठेकेदारों के खिलाफ जो सदियों से महिलाओं का किसी न किसी रूप में शोषण करते आए हैं. महिलाओं को चाहिए कि वे अपनेआप को ऐसे शोषण करने वाले लोगों से बचाएं.

इस क्षेत्र में सब से पहला कदम महिलाओं का शादी के बाद भी जौब करना है. शादीशुदा महिलाओं को अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए. उन्हें यह समझना चाहिए कि जौब उन के लिए कितनी जरूरी है. यह न सिर्फ उन के घर से बाहर निकलने का जरीया है बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाती हैं. उन्हें अपनी योग्यता का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्हें यह सोचना चाहिए कि उन की पढ़ाई का क्या फायदा है अगर वे उस का उपयोग ही न कर सकें.

आखिर वजह क्या है

यह समाज हमेशा से यह चाहता आया है कि महिलाएं घर तक ही सीमित रहें. इस के लिए समाज किचन का निर्माण भी ऐसे ही किया कि उस में एक बार में एक व्यक्ति ही काम कर सके. महिलाओं को समाज की इस सोच को तोड़ना है कि रसोईघर सिर्फ महिलाओं का क्षेत्र है. इस के लिए सब से पहले खुली किचन का निर्माण करना होगा या किचन की सैंटिंग ऐसी करनी होगी कि वहां एकसाथ कम से कम 2 लोग काम कर सकें.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM GRIHSHOBHA - HINDIView all
गोवा एडवेंचर के साथ मस्ती
Grihshobha - Hindi

गोवा एडवेंचर के साथ मस्ती

शादी बाद हनीमून मनाने जा रहे हों या फिर छुट्टियां बिताने, गोवा एक मजेदार डैस्टिनेशन है.....

time-read
6 mins  |
February First 2025
कपल्स रोमांस है तो चांस है
Grihshobha - Hindi

कपल्स रोमांस है तो चांस है

रिश्तों की डोर टूटे नहीं और जिंदगी में सिर्फ प्यार ही प्यार हो, इस के लिए क्या करें....

time-read
3 mins  |
February First 2025
होम लोन लेने से पहले
Grihshobha - Hindi

होम लोन लेने से पहले

अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो उस से पहले यह जानना आप के लिए जरूरी होगा...

time-read
3 mins  |
February First 2025
युवतियों की फाइनैंशियल फ्रीडम
Grihshobha - Hindi

युवतियों की फाइनैंशियल फ्रीडम

पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम पैसे इनवेस्ट करती हैं. मगर इसके पीछे की वजह को जानना और सफल इनवेस्टर बनना कितना जरूरी है, क्या जानना नहीं चाहेंगे....

time-read
10+ mins  |
February First 2025
7 टिप्स रूठों को मनाने के
Grihshobha - Hindi

7 टिप्स रूठों को मनाने के

रिश्तों में नाराजगी दूर करने के ये टिप्स आप के काम आएंगे....

time-read
2 mins  |
February First 2025
बिखरे रिश्तों को समेटती डैस्टिनेशन वैडिंग
Grihshobha - Hindi

बिखरे रिश्तों को समेटती डैस्टिनेशन वैडिंग

आज के समय लोग क्यों डैस्टिनेशन वैडिंग को पसंद कर रहे हैं, एक बार जरूर जानिए....

time-read
3 mins  |
February First 2025
बिना शौपिंग पाएं नया लुक
Grihshobha - Hindi

बिना शौपिंग पाएं नया लुक

घर बैठे अपने लुक में किस तरह बदलाव लाएं, यह हम आप को बताते हैं....

time-read
4 mins  |
February First 2025
ईवनिंग स्नैक्स
Grihshobha - Hindi

ईवनिंग स्नैक्स

शाम के स्नैक रेसिपीज

time-read
4 mins  |
February First 2025
फायदेमंद है गोल्ड में इनवैस्ट
Grihshobha - Hindi

फायदेमंद है गोल्ड में इनवैस्ट

सोने में निवेश लाभ देता है या हानि, यहां जानिए...

time-read
3 mins  |
February First 2025
लाइफस्टाइल बदलना तो बनता है
Grihshobha - Hindi

लाइफस्टाइल बदलना तो बनता है

नए लाइफस्टाइल का करें स्वागत और तनाव को कहें बायबाय...

time-read
3 mins  |
February First 2025