आज मीनल ने लाइट ब्लू कलर का खूबसूरत डिजाइनर सूट पहना था जिसे उस ने मौल में कई शौप्स घूम कर खोजा था. उस के पास ड्रैस खरीदने के लिए पति द्वारा दिए गए 500 के केवल 4 नोट थे. इसलिए उस ने मोलभाव कर के 1,800 में यह ड्रैस ले ली थी. बाकी के 2 सौ में मैचिंग सैंडल खरीद लिए थे. जब वह इन्हें बहुत शौक से पहन कर अपनी सहेलियों की दीवाली पार्टी में पहुंची तो अनुभा और विशाखा की स्टाइलिश ड्रैस देख कर उस की आंखें फटी की फटी रह गईं.
अनुभा ने ब्लैक कलर की सिंगल शोल्डर्ड मिडी पहनी थी जिस पर सिल्वर का काम था तो वहीं विशाखा गोल्डन वर्क वाले मैरून कलर के डिजाइनर गाउन में बिजलियां गिरा रही थी. उन्हें देख कर मीनल को अपनी ड्रैस बहुत ही सिंपल और ओल्ड फैशन की लगने लगी. वह मन ही मन अनुभा और विशाखा से जलने लगी थी. दोनों के हसबैंड काफी रईस खानदान के थे. उन के पास पैसों की कमी नहीं थी और इस की झलक उन के कपड़ों में दिख रही थी. मीनल के चेहरे की मुसकान फीकी पड़ गई और जलन के भाव चेहरे पर साफ नजर आने लगे.
शालिनी सुबह से अपनी ननद निशा के फोन का इंतजार कर रही थी. निशा ने 2 महीने पहले ही ऐलान किया था कि इस बार की दीवाली में सारा परिवार उस के घर इकठ्ठा होगा. शालिनी के पति 2 भाई थे. 2 चचेरे भाई भी थे. निशा ने इस बार सब को बुलाने का प्लान बनाया था. दोपहर में निशा ने शालिनी को मैसेज कर के इन्वाइट किया. शालिनी तैयारी करने लगी. उसे यह सोच कर थोड़ा बुरा लगा कि निशा ने उसे कौल नहीं की केवल मैसेज कर दिया.
पार्टी का आनंद
तभी उस की देवरानी का फोन आया. उस ने बताया कि निशा ने फोन कर उस के पूरे परिवार को इन्वाइट किया है. शालिनी ने तुरंत अपनी दूसरी देवरानी को फोन किया और पूछा कि निशा ने फोन किया था या मैसेज. उस ने भी जब बताया कि निशा ने फोन कर बहुत इसरार से बुलाया है तो शालिनी का मुंह उतर गया. उसे निशा पर गुस्सा आने लगा कि उस ने एक उसे ही इग्नोर किया है. उसे फोन न कर मैसेज किया. यह बात शालिनी के मन में बनी रही और वह निशा के यहां पहुंच कर भी दीवाली पार्टी का आनंद नहीं ले पाई. उस के मन में निशा के प्रति नाराजगी भरी रही.
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