न खोलें शिकायतों का पिटारा
Grihshobha - Hindi|October First 2023
यह संभव नहीं कि आप को कभी किसी से शिकायत न हो, लेकिन सीमा कैसे तय करें जो आप के लिए फायदेमंद हो, जरूर जानिए...
शोभा कटारे
न खोलें शिकायतों का पिटारा

शिकायत करना मानव स्वभाव का एक स्वाभाविक हिस्सा है और यह एक बहुत ही नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है इसलिए यदि कोई समस्या है तो उस की दोस्तों एवं अपने परिवार वालों से शिकायत करना स्वाभाविक है, लेकिन इसे मौडरेशन में या एक लिमिट में रह कर ही करें तो यह आप के तनाव को कम करने के लिए बेहतर होगा.

मैं और मेरी एक फ्रैंड एक ही औफिस में काम करते हैं और जब भी थोड़ा ब्रेक होता है तो उस से पूछो कि चलो थोड़ा ब्रेक ले लें, आओ चाय पी कर आते हैं तो बस उस का शिकायतों का पिटारा खुल जाता है...

अरे अभी मुझे फुरसत नहीं है, अरे यह काम करना है वह काम करना है. हर समय हैरानपरेशान रहती है. उस से जब भी मिलो और पूछो और भई क्या हाल है, क्या चल रहा है। तो वह किसी प्रश्न का सही जवाब दिए बिना बस यही कहने में लगी रहती है बिलकुल भी फुरसत नहीं है. वह हमेशा यह कहने से दूर भागती है कि वह खुश है और सबकुछ ठीक चल रहा है.

उस का ऐसा करना कहीं उस की आदत में तो शुमार नहीं हो गया क्योंकि जो भी काम हम बारबार करते हैं या जो भी हम बारबार कहते हैं या सबकुछ ठीक ही क्यों न हो वह हमारी आदत में शामिल हो जाता है फिर चाहे हमारे पास समय हो या न हो, कितना ही कम काम क्यों न हो हम हर समय परेशान बने रहते हैं.

यदि आप के साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है और आप जानना चाहते हैं कि इन शिकायतों के पिटारे को कैसे कम किया जाए, इस से कैसे बाहर निकला जाए तो आइए हम बताते हैं: 

आखिर क्यों करते हैं हम शिकायत

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हम अकसर गंभीर प्रोफैशनल और व्यक्तिगत तनाव से गुजरते हैं, जोकि हमें हर समय थका हुआ महसूस कराता है और हमारी नींद को भी प्रभावित करता है इसलिए हमारी यह कोशिश रहती है कि अपनी समस्याएं या शिकायतें ज्यादातर समय हम अपने करीबी दोस्तों एवं अपने परिवार वालों से ही करते हैं. शिकायत करना बिलकुल बुरा नहीं है, लेकिन जब आप इसे लगातार करती/करते हैं, तो यह टौक्सिक बन सकता है और ऐसा इसलिए है क्योंकि शिकायत करना यह दर्शाता है कि आप अपने जीवन में जो हो रहा है उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM GRIHSHOBHA - HINDIView all
पेट है अलमारी नहीं
Grihshobha - Hindi

पेट है अलमारी नहीं

फ्री का खाना और टेस्ट के चक्कर में पेटू बनने की आदत आप को कितना नुकसान पहुंचा सकती है, क्या जानना नहीं चाहेंगे...

time-read
5 mins  |
November First 2024
इंटीमेट सीन्स में मिस्ट्री जरूरी..अपेक्षा पोरवाल
Grihshobha - Hindi

इंटीमेट सीन्स में मिस्ट्री जरूरी..अपेक्षा पोरवाल

खूबसूरती और अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली अपेक्षा का मिस इंडिया दिल्ली से बौलीवुड तक का सफर कैसा रहा, जानिए खुद उन्हीं से...

time-read
4 mins  |
November First 2024
टैंड में पौपुलर ब्रालेट
Grihshobha - Hindi

टैंड में पौपुलर ब्रालेट

जानिए ब्रालेट और ब्रा में क्या अंतर है...

time-read
3 mins  |
November First 2024
रैडी टु ईट से बनाएं मजेदार व्यंजन
Grihshobha - Hindi

रैडी टु ईट से बनाएं मजेदार व्यंजन

झटपट खाना कैसे बनाएं कि खाने वाले देखते रह जाएं...

time-read
4 mins  |
November First 2024
संभल कर करें औनलाइन लव
Grihshobha - Hindi

संभल कर करें औनलाइन लव

कहते हैं प्यार अंधा होता है, मगर यह भी न हो कि आप को सिर्फ धोखा ही मिले...

time-read
2 mins  |
November First 2024
बौलीवुड का लिव इन वाला लव
Grihshobha - Hindi

बौलीवुड का लिव इन वाला लव

लिव इन में रहने के क्या फायदेनुकसान हैं, इस रिलेशनशिप में रहने का फायदा लड़कों को ज्यादा होता है या लड़कियों को, आइए जानते हैं...

time-read
5 mins  |
November First 2024
ग्लोइंग स्किन के लिए जरूरी क्लींजिंग
Grihshobha - Hindi

ग्लोइंग स्किन के लिए जरूरी क्लींजिंग

जानिए, आप अपनी स्किन को किस तरह तरोताजा और खूबसूरत रख सकती हैं...

time-read
3 mins  |
November First 2024
करें बातें दिल खोल कर
Grihshobha - Hindi

करें बातें दिल खोल कर

भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक सच्चा दोस्त जरूरी है, मगर मित्र बनाते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें...

time-read
3 mins  |
November First 2024
क्रेज फंकी मेकअप का
Grihshobha - Hindi

क्रेज फंकी मेकअप का

अपने लुक के साथ ऐसा क्या करें जो पारंपरिक मेकअप से अलग हो...

time-read
2 mins  |
November First 2024
दिखेगी बेदाग त्वचा
Grihshobha - Hindi

दिखेगी बेदाग त्वचा

गर्ल्स में ऐक्ने की समस्या आम होती है. यह समस्या तब और पेरशान करती है जब किसी पार्टी में जाना हो या फिर फ्रैंड्स के साथ आउटिंग पर बहुत सी लड़कियां दादीनानी के घरेलू उपाय अपनाती हैं लेकिन इन से ऐक्ने जाते नहीं.

time-read
1 min  |
November First 2024