बौयफ्रैंड हो या बैस्ट फ्रैंड कितना करें भरोसा
Grihshobha - Hindi|October Second 2023
आमतौर पर लड़कियां लड़कों के संपर्क में आ तो जाती हैं मगर इस के बाद कई बार उन्हें इस रिश्ते में धोखा ही मिलता है. आखिर क्यों जरूरी है अपना बचाव...
शैलेंद्र सिंह
बौयफ्रैंड हो या बैस्ट फ्रैंड कितना करें भरोसा

बीकौम औनर्स की पढ़ाई कर रही 23 साल की निष्ठा तिवारी के साथ घटी घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है. महिला सशक्तीकरण के बीच इस तरह की घटनाएं घरपरिवार और समाज को सचेत करती हैं कि लड़कियों को अपनी सुरक्षा का खुद ध्यान रखना पड़ेगा. जैसेजैसे लड़कियां सशक्त हो रही हैं वैसेवैसे उन के खिलाफ अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं. पुलिस, कानून और समाज से पहले लड़कियों को अपनी सुरक्षा खुद करनी पड़ेगी. इस के लिए उन्हें मानसिक रूप से जागरूक होना पड़ेगा. बौयफ्रैंड हो या बैस्ट फ्रैंड के इमोशन में पड़ कर कोई फैसला लेने से पहले सावधानी बरतनी होगी.

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की ही सदर कोतवाली निवासी 23 साल की निष्ठा तिवारी बीकौम औनर्स की पढ़ाई करने लखनऊ आई थी. यहां की बीबीडी यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया. उस के पिता संतोष तिवारी यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक में सीनियर मैनेजर के रूप में काम करते हैं. निष्ठा तिवारी कुछ समय तक कालेज के होस्टल में रही. इस के बाद होस्टल छोड़ कर 2 महीने पहले ही पारस नाथ सिटी में किराए पर रहने लगी.

यहां निष्ठा के साथ 2 लड़कियां और रहती थीं. 4 दिन पहले ही निष्ठा तिवारी अपने घर से 25 दिन की छुट्टी बिता कर लखनऊ आई थी. गणेश उत्सव चल रहा था. गणेश उत्सव में हिस्सा लेने की बात कह कर निष्ठा अपने दोस्त आदित्य पाठक के दयाल रैजीडैंसी स्थित फ्लैट पर पहुंच गई. वहां दोस्तों के साथ पार्टी चल रही थी. इसी दौरान गोली लगने से उस की मौत हो गई.

अस्पताल में छोड़ भाग गए दोस्त

पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो पता चला कि गोली जानबूझ कर मारी गई थी. इस के बाद गंभीर हालत में घायल निष्ठा को उस के दोस्त लोहिया अस्पताल ले गए. लोहिया में छात्रा और उस के परिवार के बारे में लिखापढ़ी करा कर दोस्त भाग लिए. डाक्टरों ने निष्ठा को मृत घोषित कर दिया. सुबह करीब 3 बजे हौस्पिटल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी.

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