राधेश्याम गोस्वामी की पुस्तक 'दिल्ली की रा रोमांचक सत्यकथाएं' में एक जगह जिक है कि युद्ध हेतु पृथ्वीराज को तैयार करते समय संयोगिता के चेहरे पर उदासीनता के भाव देख जब पृथ्वीराज ने उस का कारण पूछा तो उस समय संयोगिता द्वारा दिया गया जवाब उल्लेखनीय है. वह बोली, “देव, मेरी उदासी का कारण आप का युद्ध में जाना नहीं बल्कि कल रात का सपना है. मैं ने देखा रंभा के समान परम सुंदरी बाला ने अचानक कहीं से आ कर आप का हाथ पकड़ लिया और वह आप को अपनी ओर खींचने लगी..."
जब सपना देखने मात्र से किसी स्त्री की ऐसी हालत हो सकती है तो फिर वास्तव में जिस के साथ बेवफाई होती है उस की हालत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
बेवफाई का सीधासादा अर्थ है विश्वास हनन और यकीनन जब वर्षों विवाह से पहले या बाद में साथ रहने के पश्चात किसी को यह पता चलता है कि जिस व्यक्ति के साथ उस ने अपने इतना सफर तय किया उस ने विश्वास को तोड़ा है, उस की भावनाओं के साथ खेलने का दुस्साहस किया है तो यह सच उसे पूरी तरह तोड़ देता है कि उस के जीवन में उस साथी के अलावा दूसरा कोई भी है तो उस क्षण यही मन करता है कि जितनी जल्दी हो सके उस के जीवन से दूर चले जाएं. उस के घरपरिवार से बंधने की मजबूरी तथा उस के संबंधों की डोर को तोड़ ऐसी जगह चले जाएं जहां उस की यादों का अवशेष भी न हो.
जरा सोचिए
यह भी सोचिए की जब इस स्थिति का पता आप के बच्चों को चलेगा तो उन की क्या हालत होगी इसलिए बेवफाई का सच जानने के बाद समस्या से यथासंभव लड़ना और उस से छुटकारा पाना ही उचित समाधान है. फिर चाहे इस के लिए कुछ भी करना पड़े पीछे न हटें.
अब तो यह समस्या आम होती जा रही है. आए दिन अखबारों, पत्रपत्रिकाओं, फिल्मों और टीवी सीरियल्स में इस तरह की बातें देखने को मिल जाती हैं जिन में पति ने पत्नी को धोखा दिया या पति ने पत्नी के साथ छल किया. दिनबदिन बढ़ती यह समस्या परिवारों को विघटन के कगार पर ले जा रही है.
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