शादी की पहली रात. कमरा रंगबिरंगे फूलों से सजा मंदमंद खुशबू से महक काफी रहा था. दुलहन के जोड़े में बैठी नेहा डरीसहमी सी थी क्योंकि जिस राज को उस ने अब तक अपने होने वाले पति से छिपाए रखा था आज वह खुल जाएगा तो क्या होगा? कहीं शादी की पहली रात ही उस की जिंदगी में तूफान न ला दे. यह राज और कुछ नहीं नेहा का गंजा सिर था जिसे अब तक उस ने विग से छिपा रखा था. अब क्या होगा?
गंजापन को ऐलोपेसिया भी कहते हैं. जब असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झड़ने लगते से हैं तो नए बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे पहले के बालों से अधिक पतले या कमजोर उगते हैं और उन का कम होना शुरू हो जाता है.
ऐसी हालत में बालों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए क्योंकि स्थिति गंजेपन की ओर जाती है. अपोलो हौस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट (प्लास्टिक कौस्मैटिक ऐंड रिकंस्ट्राक्टिव सर्जरी) डाक्टर कुलदीप सिंह के अनुसार, गंजेपन के प्रकार ये हैं -
ऐंड्रोजेनिक ऐलोपेसिया - यह स्थाई किस्म का गंजापन है और एक खास ढंग से खोपड़ी पर उभरता है. इस किस्म के गंजेपन के लिए मुख्यतया टेस्टेस्टेरौन नामक हारमोन संबंधी बदलाव और आनुवंशिकता जिम्मेदार होती है.
यह महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में होता है. यह कनपटी और सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू हो कर पीछे की ओर बढ़ता है और यह जवानी के बाद किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है और व्यक्ति को पूरी तरह या आंशिक रूप से गंजा कर सकता है.
ऐलोपेसिया ऐरीटा: इस में सिर के अलगअलग हिस्सों में जहांतहां के बाल गिर जाते हैं, जिस से सिर पर गंजेपन का पैच लगा सा दिखता है. यह स्थिति शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण होती है.
टैक्शन ऐलोपेसिया: यह लंबे समय तक बालों को एक ही स्टाइल में बांधने के कारण होता है लेकिन हेयरस्टाइल बदल देने से बालों का झड़ना रुक जाता है.
हारमोन परिवर्तन से: यह किसी खास चिकित्सीय कारण जैसे कैंसर कीमोथेरैपी, अत्यधिक विटामिन ए के प्रयोग से, इमोशनल या फिजिकल स्ट्रैस की वजह से या गंभीर रूप से बीमार पड़ने या फिर बुखार होने की वजह से होता है.
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