टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस (टाटा एआईए) के एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में कामकाजी युवतियों की संख्या बढ़ी है लेकिन जब बात कोई फैसला लेने की आती है तो वे कतराती हैं. सर्वेक्षण से पता चलता है कि 59% महिलाएं अपने वित्तीय मामलों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय नहीं लेती हैं. वैसे अगर उन्हें विकल्प दिया जाए तो 44% महिलाएं अपने फाइनैंशियल डिसीजंस खुद लेने को तैयार हैं. सर्वेक्षण के निष्कर्षों से यह भी पता चला कि 89% विवाहित महिलाएं और युवतियां फाइनैंशियल प्लानिंग के लिए अपने पति पर निर्भर हैं. शादी से पहले पिता युवतियों के फाइनैंशियल डिसीजंस के लिए जिम्मेदार होते हैं जिसे शादी के बाद चुपचाप पति को सौंप दिया जाता है.
अधिकांश महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें अपने वित्त से संबंधित निर्णय लेने की स्वतंत्रता है. महिलाओं में फैसले न लेने का यह रवैया केवल महज आर्थिक बातों में ही नहीं है बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में कमोबेश यही स्थिति है. उदाहरण के लिए इस समय त्योहारों का दौर चल रहा है. घरों में कपड़ों और दूसरी जरूरी चीजों की खरीदारी होती है जिस का फैसला ज्यादातर पुरुष लेते हैं. महिलाएं भी सब पुरुषों पर छोड़ देती हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि अकसर इन चीजों का इस्तेमाल उन्हें ही करना होता है.
अगर किचन इक्विपमैंट आ रहा है तो जाहिर है उस का इस्तेमाल स्त्री को करना है, बच्चों के कपड़े हैं तो वहां भी स्त्री को ही बच्चों को संभालना है. चीजें महिला के काम की हैं मगर क्या लाना है या क्या नहीं लाना है यह फैसला पति का क्यों हो? घर के परदे बदलने हैं तो स्त्रियां अपनी पसंद के रंग वाले परदे क्यों न लाएं?
समाज की परिपाटी
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
पेट है अलमारी नहीं
फ्री का खाना और टेस्ट के चक्कर में पेटू बनने की आदत आप को कितना नुकसान पहुंचा सकती है, क्या जानना नहीं चाहेंगे...
इंटीमेट सीन्स में मिस्ट्री जरूरी..अपेक्षा पोरवाल
खूबसूरती और अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली अपेक्षा का मिस इंडिया दिल्ली से बौलीवुड तक का सफर कैसा रहा, जानिए खुद उन्हीं से...
टैंड में पौपुलर ब्रालेट
जानिए ब्रालेट और ब्रा में क्या अंतर है...
रैडी टु ईट से बनाएं मजेदार व्यंजन
झटपट खाना कैसे बनाएं कि खाने वाले देखते रह जाएं...
संभल कर करें औनलाइन लव
कहते हैं प्यार अंधा होता है, मगर यह भी न हो कि आप को सिर्फ धोखा ही मिले...
बौलीवुड का लिव इन वाला लव
लिव इन में रहने के क्या फायदेनुकसान हैं, इस रिलेशनशिप में रहने का फायदा लड़कों को ज्यादा होता है या लड़कियों को, आइए जानते हैं...
ग्लोइंग स्किन के लिए जरूरी क्लींजिंग
जानिए, आप अपनी स्किन को किस तरह तरोताजा और खूबसूरत रख सकती हैं...
करें बातें दिल खोल कर
भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक सच्चा दोस्त जरूरी है, मगर मित्र बनाते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें...
क्रेज फंकी मेकअप का
अपने लुक के साथ ऐसा क्या करें जो पारंपरिक मेकअप से अलग हो...
दिखेगी बेदाग त्वचा
गर्ल्स में ऐक्ने की समस्या आम होती है. यह समस्या तब और पेरशान करती है जब किसी पार्टी में जाना हो या फिर फ्रैंड्स के साथ आउटिंग पर बहुत सी लड़कियां दादीनानी के घरेलू उपाय अपनाती हैं लेकिन इन से ऐक्ने जाते नहीं.