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कृषि-वानिकी और वनों व वृक्षों का धार्मिक एवं पर्यावरणीय महत्व
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कृषि-वानिकी और वनों व वृक्षों का धार्मिक एवं पर्यावरणीय महत्व

कृषि-वानिकी : कृषि-वानिकी भू-उपयोग की वह पद्धति है जिसके अंतर्गत सामाजिक तथा पारिस्थितिकीय रूप से उचित वनस्पतियों के साथ-साथ कृषि फसलों या पशुओं को लगातार या क्रमबद्ध ढंग से शामिल किया जाता है।

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15th May 2021
बेल वाली सब्जियों में रोगों की रोकथाम
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बेल वाली सब्जियों में रोगों की रोकथाम

गर्मियों में बेल एवं कन्द वर्गीय सब्जियों का विशेष महत्व है। बेल वाली सब्जियों में कद्दू, पेठा, टिंडा, लौकी, तोरी, करेला, खीरा, पेठा, तर-कक्ड़ी, तरबूज, खरबूजा इत्यादि मुख्य सब्जियां है। इन सब्जियों का उपयोग पकाकर खाने के अतिरिक्त सलाद (खीरा तर-कक्ड़ी), अचार (करेला) एवं फल (तरबूज, खरबूजा) के रुप में किया जाता है।

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15th May 2021
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए उगाएं हरी खाद
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मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए उगाएं हरी खाद

फसल के अच्छे अंकुरण के लिए लैंचा या सनई के बीज को लगभग 8 घंटे तक पानी में भिगो कर रखें। बिजाई से पहले हरी खाद फसल के बीज को राईजोबियम कल्चर (जीवाणु खाद) से टीकाकरण कर लें। बीज को छाया में आधे घंटे तक सूखा कर तुरंत तैयार खेत में बीज दें।

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1st May 2021
कैच द रैन खेत बने वाटर बैंक
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कैच द रैन खेत बने वाटर बैंक

प्राकृतिक जल स्रोतों को समाप्त कर मूक जानवरों एवं वनस्पति के प्रति अमानवीय हिंसा का परिचय दिया है। बून्दों को सहेजनों के अभियान की शुरुआत इन प्राचीन जल स्रोतों को खोजने एवं उन्हें पुनर्जीवित करके करना होगा।

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1st May 2021
फास्फेटिक और पोटैसिक खाद और उनकी विशेषताएं
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फास्फेटिक और पोटैसिक खाद और उनकी विशेषताएं

फॉस्फेटिक उर्वरक : फॉस्फेट उर्वरकों में मौजूद पोषक तत्व फास्फोरस आमतौर पर फॉस्फोरिक एनहाइड्राइड या फॉस्फोरस पेंटाओक्साइड(पी 2 ओ 5) के रूप में व्यक्त किया जाता है। लॉज (1842) ने पहले रॉक फॉस्फेट और सल्फ्यूरिक एसिड से उपलब्ध फॉस्फेट तैयार किया और उत्पाद को सुपरफॉस्फेट नाम दिया।

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1st May 2021
कृषि निर्णय हों टैक्नोलॉजी आधारित
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कृषि निर्णय हों टैक्नोलॉजी आधारित

आमदनी में वृद्धि करने के लिए ऐसी कृषि पद्धतियां/तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है जिससे पर्यावरण, प्राकृतिक स्रोत व कृषि उत्पादों का उचित प्रयोग होने के साथ-साथ कृषि आमदनी में भी वृद्धि की जा सके। ऐसी अनेक हाईटैक तकनीकें आ गई हैं जिनके प्रयोग से कृषि लागतों को कम किया जा सकता है।

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1st May 2021
संरक्षित खेती समय की मांग
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संरक्षित खेती समय की मांग

आज सारी दुनिया में जलवायु परिवर्तन को लेकर चर्चायें हो रही हैं और आज सब लोग यह मान रहे हैं कि मौसम में बड़ी तेजी से बदलाव आ रहा है और साथ ही हम लोगों की खाने की आदतें भी बदलती जा रही हैं। पहले हम मौसम के हिसाब से खान पान करते थे परन्तु अब हम हर सब्जियाँ पूरे वर्ष खाना पसंद करते हैं। चाहे कोई भी मौसम हो। जैसे टमाटर, धनियाँ पूरे वर्ष चाहिएं इत्यादि। ऐसे में ताजा बेमौसमी सब्जियाँ पैदा करने का एक ही तरीका है वह है संरक्षित खेती।

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1st May 2021
बदलते परिवेश में लाभदायक धान की सीधी बिजाई
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बदलते परिवेश में लाभदायक धान की सीधी बिजाई

धान की सीधी बिजाई हेतु उल्टे टी-प्रकार के फाले एवं तिरछी प्लेट युक्त बीज बक्से वाली बीज एवं उर्वरक जीरो-टिल ड्रिल का प्रयोग करना चाहिए। बुवाई करने से पूर्व ड्रिल मशीन का अंशशोधन कर लेना चाहिए जिससे बीज एवं खाद निर्धारित मात्रा एक कप से एवं गहराई में पड़े।

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15th April 2021
कैसे करें गाजर घास का एकीकृत नियंत्रण
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कैसे करें गाजर घास का एकीकृत नियंत्रण

खरपतवार वह अनावश्यक पौधे होते हैं जो कि आमतौर पर वहाँ उगते हैं जहाँ उनकी आवश्यकता नहीं होती हैं। खरपतवार न केवल फसलों को क्षति पहुँचाते हैं अपितु उपजाऊ भूमि को बेकार भूमि में तब्दील कर देते हैं। इसके अतिरिक्त खरपतवार वन, घास के मैदान, तालाबों, नदियों, झीलों जैसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी की जैव-विविधता को भी प्रभावित करते हैं।

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15th April 2021
फसलों की बिक्री के लिए एम.एस.पी.का महत्व
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फसलों की बिक्री के लिए एम.एस.पी.का महत्व

किसानों की माँग है कि फसलों की एम. एस. पी. एवं खरीद की कानूनी गारंटी दी जाये। 10 फरवरी 2021 को लोग सभा में भाषण देते समय प्रधानमंत्री जी ने कहा "एम. एस. पी.थी, एम. एस. पी. है और एम. एस. पी.रहेगी।" इस बयान से यह भ्रम पैदा होता है कि किसानों की माँग शायद फिजूल है। प्रश्न एम. एस. पी. रहने का नहीं। असली मुद्दा एम.एस.पी. का लाभदायक होना एवं एम. एस. पी. पर फसलों की खरीद यकीनन बनाना है।

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15th April 2021
अन्नदाता होने का अर्थ संविधान से सर्वोपरि कतई नहीं है
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अन्नदाता होने का अर्थ संविधान से सर्वोपरि कतई नहीं है

निश्चित अन्नदाता धरती का पालनहार है। किसान के पसीने से उपजी फसल ही धरती के जीवन के लिये आहार प्रदान करती है। इसलिये बेदों से लेकर आधुनिक समाज में उसे धरतीपुत्र सहित अनेकों सम्मान जनक शब्दों से संबोधित किया जाता है। बावजूद इसके आजादी के बाद से ही भारत में कृषि का पेशा अभावों से भरा रहा है।

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15th April 2021
हरे चारे का संरक्षण कैसे करें?
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हरे चारे का संरक्षण कैसे करें?

साल के कुछ महीनों में उपयुक्त जलवायु के अनुसार हरा चारा काफी मात्रा में उपलब्ध रहता है। परन्तु कुछ महीनों, विशेषकर नवम्बर-दिसम्बर तथा अप्रैल-जून के महीनों, में हरे चारे की किल्लत रहती है। अत: यदि अधिकता वाले मौसम में हरे चारे का संरक्षण कर लिया जाये तो कमी वाले समय में भी पशुओं को हरा-चारा उपलब्ध हो सकता है और दूध उत्पादन का स्तर बना रह सकता है। हरे चारे का संरक्षण दो विधियों से किया जा सकता है।

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15th April 2021
कैसे बने प्रमाणित बीज उत्पादक
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कैसे बने प्रमाणित बीज उत्पादक

बीज खेती किसानों का प्राण है और प्राण दिल कमजोर होने पर शरीर निश्तेज हो जाता है। अतः बीज उत्तम ही नहीं सर्वोत्तम होना चाहिए। सर्वप्रथम नेशनल सीड्स कारपोरेशन की 13.03.1963 में स्थापना हुई तथा केन्द्रीय स्तर पर बीज उत्पादन, बीज प्रमाणीकरण तथा बीज विपणन का कार्य प्रारम्भ हुआ।

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1st April 2021
डेयरी पशुओं का चुनाव
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डेयरी पशुओं का चुनाव

पशुपालकों का एक सवाल होता है कि वह डेयरी फार्म के लिए गाय रखें या भैंस ताकि वह साल भर दूध उत्पादन कर सके तथा दूध की गुणवत्ता भी बनी रहे व उसे दूध का अच्छा मूल्य भी मिल सके। इसके लिए जरूरी है कि हम दोनों प्रकार के पशुओं के गुणों को जानें।

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1st April 2021
धान की सीधी बुवाई-गुण और दोष
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धान की सीधी बुवाई-गुण और दोष

उल्लेखनीय है कि कोविड़-19 की वजह से किसानों को प्रवासी मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। परिणामस्वरूप पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में अब पारम्परिक रोपाई के स्थान पर 'डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस तकनीक को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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1st April 2021
भारत में बीज उत्पादन का परिदृश्य
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भारत में बीज उत्पादन का परिदृश्य

भारतीय बीज उद्योग विश्व का 5वाँ बड़ा बीज बाजार है जिसका मूल्य लगभग रू. 2,500 करोड़ (500 मिलियन डॉलर) है और इसमें लगभग 150 संगठित बीज कंपनी हैं। वैश्विक वाणिज्यिक बीज बाजार से वर्ष 2020 में 62.90 बिलियन अमेरिकी डालर का राजस्व प्राप्त तथा वर्ष 2026 तक 100.36 बिलियन अमेरिकी डालर तक पहुंचने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि (वर्ष 20212026) के दौरान वैश्विक बीज बाजार की 8.10 प्रतिशत की सी.ए.जी.आर. से बढ़ने की उम्मीद है।

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15th March 2021
उत्तम पैदावार के लिए करें गुणवत्तायुक्त बीज का चयन
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उत्तम पैदावार के लिए करें गुणवत्तायुक्त बीज का चयन

आधुनिक कृषि में बढ़िया बीज का स्थान सर्वोपरि है। अन्य लागत चाहे कितनी ही उत्कृष्ट क्यों न हों, यदि बीज में जरा भी दोष होगा तो किसान भाइयों को समूचा प्रयत्न एवं व्यय व्यर्थ हो जाता है। उन्नत बीज से आशय उन बीजों से है जो आनुवंशिक रूप से शुद्ध होने के अतिरिक्त ओज एवं आवश्यक अंकुरण क्षमता से युक्त हों तथा उनमें खरपतवार एवं अन्य फसलों के बीज बिल्कुल भी न हो।

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15th March 2021
कृषि में मृदा उर्वरता प्रबंधन
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कृषि में मृदा उर्वरता प्रबंधन

कृषि रसायनों के प्रयोग के लिए कृषि वैज्ञानिकों, विषय वस्तु विशेषज्ञों व कृषि प्रसार कर्मियों की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए। कृषि रसायनों के प्रयोग को कम करने के लिए समन्वित कीट प्रबंधन व समन्वित रोग प्रबंधन को अपनाना चाहिए। इस प्रकार का प्रबंधन मृदा उर्वरता को बनाए रखने में सहायक होता है।

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15th March 2021
तीन दशक के शोध के बाद भारत में उगेगा रंगीन कपास
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तीन दशक के शोध के बाद भारत में उगेगा रंगीन कपास

अगर आप ये सोचते हैं कि प्राकृतिक कपास केवल सफेद रंग का होता है, तो ये खबर आपको आश्चर्य में डाल सकती है। भारत रंगीन कपास की व्यावसायिक खेती के लिए इसके बीजों की प्रजाति जारी करने से कुछ ही महीने दूर है। शोधकर्ता 16301डीबी और डीडीसीसी1 का फार्म ट्रायल कर रहे हैं। इन प्रजातियों से भूरे रंग के कपास का उत्पादन होगा।

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1st March 2021
बदलते मौसम के मद्देनजर कृषि पर प्रभाव
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बदलते मौसम के मद्देनजर कृषि पर प्रभाव

कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।

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1st March 2021
बेल वाली सब्जियों में कीट नियन्त्रण
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बेल वाली सब्जियों में कीट नियन्त्रण

प्रभावित पौधों पर फल भी कम व बहुत छोटे होते हैं। इसका प्रकोप आमतौर पर खुश्क मौसम में जब धूल भरी हवाएं चलती हैं तब ज्यादा होता है।

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1st March 2021
महुआ की बागवानी
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महुआ की बागवानी

महुआ को वानस्पतिक रूप से बेसिया/मधुका लेटीफोलिया के नाम से जाना जाता है तथा इसकी उत्पत्ति भारत में हुई है। इसके फूल का महत्व एवं औषधयी गुणों का वर्णन हमारे प्राचीन साहित्व एवं आयुर्वेद में व्यापक रूप से मिलता है।

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1st March 2021
नये कृषि कानूनों की संवैधानिकता
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नये कृषि कानूनों की संवैधानिकता

केन्द्रीय सरकार ने कृषि से संबंधित तीन आर्डीनस राष्ट्रपति से जारी करवा दिये। बाद में इनकी जगह तीन नये कानून बना दिये। इन कानूनों का विरोध विश्व में सबसे बड़े आंदोलन का रुप धारण कर गया है। केन्द्रीय सरकार की ओर से इन कानूनों को बड़े कृषि सुधारों की ओर से प्रचार किया जा रहा है। सरकार का पक्ष है कि इन कानूनों के फलस्वरुप कृषि में बहुत प्रगति होगी और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।

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15th February 2021
जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक गंभीर समस्या
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जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक गंभीर समस्या

जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक गंभीर समस्या

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15th February 2021
अमरूद के रोग एवं उनकी रोकथाम
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अमरूद के रोग एवं उनकी रोकथाम

अमरूद के फल में विशेष रूप से विटामिन ए और सी पाया जाता है। यह फल पोटाशियम, मैग्नीशियम व अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से अभिग्रहित है अथवा यह फल शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह फल फसल बहुत कम देखभाल से भी आसानी से लग जाता है। परन्तु अमरूद में होने वाली बीमारियां इसे बहुत प्रभावित करती हैं व इसकी उपज को भी कम करती हैं।

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15th February 2021
मेथी में पौध संरक्षण
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मेथी में पौध संरक्षण

बीजीय मसालों में मेथी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी हरी व सूखी पत्तियां सब्जी बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। इसके बीज सब्जी व आचार में मसाले के रूप में प्रयोग किये जाते हैं।

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15th February 2021
प्रमाणित बीज कृषक आय दोगुनी करने की नई विद्या
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प्रमाणित बीज कृषक आय दोगुनी करने की नई विद्या

भारतीय अर्थ व्यवस्था खेती पर निर्भर है और खेती किसान पर। किसान तपतपाती गर्मी तथा हाडतोड़ सर्दी में अपनी तथा अपने परिवार की परवाह न करते हुए देश की 135 कोटी जनता को अन्न, रोटी, कपड़ा, तेल तथा अन्य खाद्य सामग्री जुटाता है परंतु दूसरों का जीवन सुधारने में उसका जीवन स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है।

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15th February 2021
प्याज व लहसुन में कीट और रोग प्रबंधन
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प्याज व लहसुन में कीट और रोग प्रबंधन

प्याज व लहसुन कंद समूह की मुख्य रूप से दो ऐसी फसलें हैं जिनका सब्जियों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है।

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15th February 2021
भारत के दुधारू पशुओं को शिकार बना रही है एक घातक महामारी
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भारत के दुधारू पशुओं को शिकार बना रही है एक घातक महामारी

इसका देश पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा, जहां अधिकांश डेयरी किसान या तो भूमिहीन हैं या सीमांत भूमिधारक हैं और उनके लिए दूध सबसे सस्ते प्रोटीन स्रोत में से एक है।

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15th February 2021
किसान आंदोलन गांधीवादी सत्याग्रह की अद्भुत मिसाल
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किसान आंदोलन गांधीवादी सत्याग्रह की अद्भुत मिसाल

गणतंत्र-दिवस, गनतंत्रदिवस में भी बदल सकता है। किसानों ने अभी तक गांधीवादी सत्याग्रह की अद्भुत मिसाल पेश की है और अब भी वे अपनी नाराजगी को काबू में रखेंगे लेकिन सरकार से भी अविलंब पहल की अपेक्षा है।

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1st February 2021