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पूज्य गुरुदेव के प्रवचन- चेतना का जन्म
इस प्रवचन में पढ़िए... • अच्छे सान्निध्य का प्रभाव सब पे पड़ता है। • नाशवान चीजों की तरफ चित्त डालने से चित्त नष्ट होता है। • 'समर्पण ध्यान' में अनुभूति बुद्धि, प्रयत्न और धन से प्राप्त नहीं की जा सकती। • बुद्धि जहाँ समाप्त होती है, वहाँ आध्यात्मिकता की शुरुआत होती है। • हमारे अंदर की चेतना कैसे जागृत होती है ? • एक बार आपको सकारात्मकता में जीना आ जाए, तो आपका जीवन की तरफ देखने का दृष्टिकोण बदल जाएगा। • 'समर्पण ध्यान' सामान्य आदमी के लिए, सामान्य तरीके से ईश्वर-प्राप्ति का मार्ग है।
इस अंक के संत- अवतार मेहर बाबा
१९वीं सदी जब समाप्ति की ओर थी, मानव-हृदय में प्रेम, श्रद्धा, दया तथा परोपकार जैसी भावनाएँ कम होने लगी थीं, मनुष्य अत्यंत बुद्धिवादी एवं अहंकारयुक्त होकर हृदयविहीन होता जा रहा था। ऐसे समय 'दिव्य प्रेम' का संदेश लेकर अवतरित हुए एक सिद्धपुरुष – मेहर बाबा! बाबा ने केवल उस दिव्य प्रेम के बारे में मार्गदर्शन ही नहीं दिया, अपितु उसे जीया है। प्रेम, पवित्रता एवं सेवा से परिपूर्ण उनका जीवन, अनन्तकाल तक जीवन जीने का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बनकर रहेगा। आइए, ऐसे सिद्धपुरुष की जीवनी पर एक नजर डालें।
पूज्य गुरुदेव के प्रवचन- आत्मा से परमात्मा तक
इस प्रवचन में पढ़िए... • आत्माभिमुख कैसे हों? • भूतकाल के विचारों से छुटकारा कैसे पाएँ ? • सद्गुरु रूपी 'शिव' को भूतकाल का जहर समर्पित करना चाहिए। • मोक्ष की स्थिति इसी जीवन काल में प्राप्त की जा सकती है। • जीवंत माध्यम कैसा हो? • आश्रम, हजारों, लाखों आत्माओं का स्थाईत्व बनेगा। • सारे मनुष्यों तक प्रेम पहुँचाएँ कैसे? • परमात्मा की प्राप्ति के लिए आवश्यक है आप आत्मा बनें।
यात्रा संस्मरण
कच्छ दर्शन के संस्मरण- ४
संत रविदास (रैदास)
शरीर के स्तर पर जीने वाला शूद्र है, के बल पर जीने वाला वैश्य है, खुद के बल पर जीने वाला क्षत्रिय है और सिर्फ परम बल से जो जीता है वो ब्राह्मण है; ये चारों अवस्थाएँ मात्र हैं! इसका जन्म से दूर-दूर का कोई नाता नहीं है, ये नि:संदेह है। लेकिन ऊर्जा के स्तर से निर्मित ये अवस्था जब शारीरिक और जन्म आधारित होकर रुक जाती है तब कोई न कोई क्रांतिकारी पुनः ऊर्जा आधारित व्यवस्था की स्थापना करता है और ऐसे ही ये चक्र रुकता और चलता रहता है।
पूज्य गुरुदेव के प्रवचन
पंद्रहवाँ ४५ दिवसीय गहन ध्यान अनुष्ठान समारोह समर्पण आश्रम, दांडी महाशिवरात्रि, दिनांक ११ मार्च, २०२१
ऋषि मृत्युंजय मार्कण्डेय
पूज्य गुरुदेव ने सन् २०२० और २०२१ को 'बाल वर्ष' के रूप में घोषित किया है। इसी उपलक्ष्य में हम एक विशेष लेख शृंखला अपने बाल पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है, इस शृंखला के तहत प्रकाशित होने वाले बालयोगियों एवं बाल संतों के जीवन-चरित्र से बच्चों को निश्चित ही प्रेरणा मिलेगी।
कच्छ दर्शन के संस्मरण- २
कच्छ दर्शन की श्रृंखला में (१०/१०/२०२०) शनिवार को हम सुबह साढ़े चार बजे पुनडी के बाबा धाम से निकले। सुबह चाय पीकर निकले थे। अँधेरे में चंद्रमा साथ था और सुबह का तारा, यानी স্থা अपनी संपूर्ण ऊर्जा के साथ चमक रहा था। सूर्योदय के बाद भी लम्बे समय तक वह नजर आ रहा था।
नववर्ष के दिन पूज्य गुरुदेव का संदेश
सभी पुण्य आत्माओं को मेरा नमस्कार ..
प्रेरक प्रसंग- माँ के संस्कार
प्राचीन काल की बात है। एक राजा था, उसके पास बहुत ही सुंदर और वफादार घोड़ी थी सुंदरी। राजा अपनी घोड़ी से बहुत प्यार करता था। सुंदरी भी अपने मालिक, यानी राजा का बहुत ध्यान रखती थी। उसने दो-तीन बार अपनी जान पर खेलकर राजा के प्राणों की रक्षा की थी।
पूज्य गुरुदेव के आशीर्वचन
श्री गुरुशक्तिधाम ।।
इस अंक के बालयोगी- ध्रुव
पूज्य गुरुदेव ने सन् २०२०, यह वर्ष 'बाल वर्ष' के रूप में घोषित किया है। इसी उपलक्ष्य में हम एक विशेष लेख शृंखला अपने बाल पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है, इस शृंखला के तहत प्रकाशित होने वाले बालयोगियों एवं बाल संतों के जीवन-चरित्र से बच्चों को निश्चित ही प्रेरणा मिलेगी।
समर्पण ध्यानयोग चैतन्य महोत्सव २०२०
समर्पण आश्रम, दाडी, नवसारी ७,८,९ नवंबर २०२०
पूज्य स्वामीजी के प्रवचन समर्पण ध्यानयोग गुरुपूर्णिमा महाशिविर-२०२० (प्रवचन का भाग २)
इस प्रवचन में पढ़िए.. • विश्वचेतना के साथ समरसता.. भविष्य में आने वाली संभावनाओं की जानकारी! • वर्तमान परिस्थिति का सामना करने हेतु डॉक्टर, रक्षक, बच्चों के लिए पूर्व तैयारी • चारों धाम जा रहे हो, निज धाम कब जाओगे? • महामारी द्वारा प्रकृति का मानव जाति को संदेश • स्वावलंबी कैसे बनें? • अपने-आपको ही नहीं जाना तो जीवन का क्या अर्थ? • जीवंत सद्गुरु को पहचानने के दो तरीके • नियमित ध्यान आत्मा से परमात्मा की यात्रा कर्ममुक्त अवस्था
समर्पण परिवार द्वारा आयोजित विविध ऑनलाइन कार्यक्रम
समर्पण परिवार द्वारा आयोजित विविध ऑनलाइन कार्यक्रम
इस अंक के बालयोगी भक्त प्रह्लाद
पूज्य गुरुदेव ने सन् २०२०, यह वर्ष 'बाल वर्ष' के रूप में घोषित किया है। इसी उपलक्ष्य में हम एक विशेष लेख शृंखला अपने बाल पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है, इस शृंखला के तहत प्रकाशित होने वाले बालयोगियों एवं बाल संतों के जीवन-चरित्र से बच्चों को निश्चित ही प्रेरणा मिलेगी।
इन्द्रधनुष
चंचल न्यूज के सौजन्य से वंदनीय गुरुमाँ से आध्यात्मिक जीवन शैली पर विशेष साक्षात्कार
नचिकेता
पूज्य गुरुदेव ने सन् २०२०, यह वर्ष ‘बाल वर्ष' के रूप में घोषित किया है। इसी उपलक्ष्य में हम एक विशेष लेख शृंखला अपने बाल पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है, इस शृंखला के तहत प्रकाशित होने वाले बालयोगियों एवं बाल संतों के जीवन-चरित्र से बच्चों को निश्चित ही प्रेरणा मिलेगी।
समर्पण परिवार द्वारा आयोजित विविध ऑनलाइन कार्यक्रम
समर्पण परिवार द्वारा आयोजित विविध ऑनलाइन कार्यक्रम
प्रेरक प्रसंग
आशा के बीज
समर्पण परिवार द्वारा आयोजित विविध ऑनलाइन कार्यक्रम
समर्पण परिवार द्वारा आयोजित विविध ऑनलाइन कार्यक्रम
बाल शिविर - २०२०
पूज्या गुरुमाँ के प्रवचन
बुद्ध पूर्णिमा
पूज्य गुरुदेव के प्रवचन
ऋषि अष्टावक्र
इस अंक के बालयोगी
इन्द्रधनुष
शून्य से सर्जन
परम पूज्य स्वामीजी एवं पूज्या गुरुमाँ की दक्षिण अफ्रीका व सेशेल्स की यात्रा
दिनांक २८ फरवरी से २० मार्च के दौरान पूज्य स्वामीजी एवं पूज्या गुरुमाँ ने अपना दक्षिण अफ्रीका तथा सेशेल्स का दौरा संपन्न किया। इस यात्रा के दौरान उनकी गतिविधियाँ कुछ इस प्रकार रहीं :-
इन्द्रधनुष
ऊर्जा क्षेत्र का पक्षियों पर प्रभाव
पूज्य गुरुदेव के आशीर्वचन
|| प्रकृति के संकेत ||
बालयोगी संत ज्ञानेश्वर
पूज्य गुरुदेव ने सन् २०२०, यह वर्ष 'बाल वर्ष' के रूप में घोषित किया है। इसी उपलक्ष्य में हम एक विशेष लेख शृंखला अपने बाल पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है, इस शृंखला के तहत प्रकाशित होने वाले बालयोगियों एवं बाल संतों के जीवन-चरित्र से बच्चों को निश्चित ही प्रेरणा मिलेगी।
यात्रा संस्मरण
प्रकृति की गोद में (१)