रिवाजों की जकड़न में गांवकसबे की पढ़ीलिरवी लड़कियां
Saras Salil - Hindi|April Second 2022
यह माना जाता था कि अगर गांवकसबे की लड़कियां पढ़लिख जाएंगी, तो वे रीतिरिवाजों की जकड़न से छुटकारा पा जाएंगी. लेकिन सच तो यह है कि पढ़नेलिखने और राजनीतिक रूप से मजबूत होने के बाद भी गांवकसबे की लड़कियां रिवाजों में जकड़ी हुई हैं. वे अभी भी धर्म की जकड़न में हैं. फैशन और संजनेसंवरने व फैस्टिवल के नाम पर रिवाजों में फंसी हुई हैं.
शैलेंद्र सिंह
रिवाजों की जकड़न में गांवकसबे की पढ़ीलिरवी लड़कियां

किसी भी लड़की या लड़के के लिए शादी एक बहुत बड़ा फैसला होता है. भारत में शादी किसी उत्सव से कम नहीं होती है, पर उस में भी रीतिरिवाज भरे पड़े हैं, जिन की वजह से शादी के खर्चे बढ़ रहे हैं.

この記事は Saras Salil - Hindi の April Second 2022 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は Saras Salil - Hindi の April Second 2022 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

SARAS SALIL - HINDIのその他の記事すべて表示
भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां
Saras Salil - Hindi

भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां

भोजपुरी सिनेमा में यह बात जगजाहिर है कि हीरोइनों का कैरियर केवल भोजपुरी ऐक्टरों के बलबूते ही चलता रहा है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में भोजपुरी के टौप ऐक्टरों के हिसाब से ही फिल्मों में हीरोइनों को कास्ट किया जाता है.

time-read
4 分  |
February Second 2023
गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले
Saras Salil - Hindi

गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले

\"दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग की ट्रेनिंग ले कर आया तो था ऐक्टर बनने, पर बन गया फिल्म स्टोरी राइटर. इस फील्ड में भी मुझे दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का प्यार मिला, क्योंकि मेरा शौक एक आर्टिस्ट बनना ही था, जिस में राइटिंग, डायरैक्शन, ऐक्टिंग सब शामिल रहा है. मेरे आदर्श गुरुदत्त हैं, क्योंकि उन्होंने लेखन से ले कर अभिनय तक सब किया और दोनों में कामयाब रहे,\" यह कहना है गुंजन जोशी का.

time-read
3 分  |
February Second 2023
सैक्स रोगों की अनदेखी न करें
Saras Salil - Hindi

सैक्स रोगों की अनदेखी न करें

सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.

time-read
3 分  |
February Second 2023
एक थप्पड़ की कीमत
Saras Salil - Hindi

एक थप्पड़ की कीमत

वैसे तो रवि अपने एकलौते बेटे सोहम को प्यार करता था, पर जबतब उसे थप्पड़ भी मार देता था. एक दिन उस ने फिर वही सब दोहराया, लेकिन यह थप्पड़ उस पर ही भारी पड़ गया. लेकिन कैसे?

time-read
3 分  |
February Second 2023
वर्मा साहब गए पानी में
Saras Salil - Hindi

वर्मा साहब गए पानी में

वर्मा साहब की रिटायरमैंट गाजेबाजे के साथ हुई. घर पर दावत भी दी गई, पर उस के बाद उन की पत्नी ने ऐसा बम फोड़ा कि वर्मा साहब के कानों तले की जमीन खिसक गई...

time-read
5 分  |
February Second 2023
नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज
Saras Salil - Hindi

नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज

सदियों से मर्दऔरतों में नाजायज संबंध बनते आए हैं. अब तो इस तरह के एप आ गए हैं, जहां औनलाइन डेटिंग की जा सकती है. इसे एक सुरक्षित तरीका बताया जाता है. क्या वाकई में ऐसा है?

time-read
5 分  |
February Second 2023
कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां
Saras Salil - Hindi

कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां

एक पारिवारिक झगड़े के मसले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि \"बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के चलते होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है, जिस से समाज पर बुरा असर पड़ा है. इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.'

time-read
5 分  |
February Second 2023
आसाराम का ढहता साम्राज्य
Saras Salil - Hindi

आसाराम का ढहता साम्राज्य

आसाराम के संदर्भ में आज का समय हमेशा याद रखने लायक हो गया है, क्योंकि धर्म के नाम पर अगर कोई यह समझेगा कि वह देश की जनता और कानून को ठेंगा बताता रहेगा, तो उस की हालत भी आसाराम बापू जैसी होनी तय है.

time-read
3 分  |
February Second 2023
अडाणीजी यह राष्ट्रवाद क्या है ?
Saras Salil - Hindi

अडाणीजी यह राष्ट्रवाद क्या है ?

जिस तरह भारत के बड़े रुपएपैसे वाले, चाहे अडाणी हों या अंबानी की जायदाद बढ़ती चली जा रही है और दुनिया के सब से बड़े पूंजीपतियों की गिनती में इन को शुमार किया जाने लगा है, उस से यह संकेत मिलने लगा था कि कहीं न कहीं तो दो और दो पांच है.

time-read
3 分  |
February Second 2023
सोशल मीडिया: 'पठान' के बहाने नफरती ट्रैंड का चलन
Saras Salil - Hindi

सोशल मीडिया: 'पठान' के बहाने नफरती ट्रैंड का चलन

सुनामी चाहे कोई समुद्र उगले या कोई फिल्म, ज्वार का जोश ठंडा होने पर ही पता चलता है कि तबाही किस हद तक की थी. कुछ ऐसा ही महसूस हुआ फिल्म 'पठान' को ले कर.

time-read
4 分  |
February Second 2023