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सेक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स सैक्स अब टैबू नहीं रह गया
यौन स्वास्थ्य के बारे में बातचीत धीरे धीरे सुरक्षित सैक्स से यौन सुख की ओर बढ़ रही है, पुरुषों और महिलाओं के बीच सुख असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ रही है, लोग सक्रिय रूप से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, यौन स्वास्थ्य, मासिक धर्म स्वच्छता और प्रजनन क्षेत्रों में डाक्टरों और प्रभावशाली लोगों के फौलोअर्स की संख्या में पिछले वर्ष सोशल मीडिया पर 50 से 100 फीसदी की वृद्धि हुई है. यहां चुनिंदा सैक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स का जिक्र किया जा रहा है.

फ्रैंड्स के साथ मूवीज ये गलतियां न करें
दोस्तों के साथ मूवी देखना काफी मजेदार होता है. ग्रुप के सभी लोग एकसाथ होते हैं, हंसी ठिठोली होती है. दोस्तों के साथ बिताया हर पल मैमोरेबल होता है. इसे और यादगार बनाने के लिए मूवी प्लान करने से पहले कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए.

कंट्रोवर्सी क्वीन अपूर्वा मखीजा
अपूर्वा मखीजा हाल ही में विवादों में आई जब वह इंडियाज गौट लैटेंट में दिखाई दी. उसे फुजूल ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. लड़की होने के नाते वह ज्यादा टारगेट पर रही.

ग्रूमिंग के बाद भी लड़के क्यों लगते हैं झल्ले
लड़कों में भी स्मार्ट दिखने का क्रेज बढ़ रहा है इस के लिए वे सैलून, जिम ही नहीं बल्कि ट्रीटमैंट के लिए डाक्टरों के पास भी जाने लगे हैं. बावजूद इस के, वे लगते झल्ले ही हैं.

इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया पर अध्यात्म प्रदर्शन पड़ा भारी
हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर अचानक तब वायरल हो गई जब वह कुंभ में वीडियोज बनाने लगी. कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने कुंभ को वह ग्राउंड बनाया जहां से वे अपनी रीच बढ़ा सकते थे. इसी में हर्षा का नाम भी जुड़ता है.

घुमक्कड़ी से फेमस हुईं कामिया जानी
एक रिस्पैक्टेड जौब पाना हर किसी का सपना होता है. लेकिन क्या आप ऐसी जब छोड़ कर अपने घूमने फिरने के जनून को प्रायोरिटी देंगे, इस को साबित किया है फूड एंड ट्रैवलिंग के लिए नैशनल क्रिएटर अवार्ड पाने वाली कामिया जानी ने.

क्रिकेट से ले कर फिल्मों तक बढ़ता पीआर कल्चर
बौलीवुड कलाकार हों, क्रिकेटर हों या फिर हों सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, उन की चकाचौंधभरी दुनिया के बारे में जानने के लिए सभी उत्सुक रहते हैं, खासकर इन की पर्सनल लाइफ के बारे में. बाहर खबरों में क्या जाए, इस के लिए ये पीआर रखते हैं. जहां इस से कुछ का फायदा होता है, वहीं कुछ को भारी नुकसान उठाने पड़ते हैं.

सोशल मीडिया ने फिर पैदा किए जाति के टोले
सोशल मीडिया कोई दूसरी दुनिया की चीज नहीं है, यह वह भौंडी, सड़ीगली जगह है जो आम लोग बाहर की दुनिया में भीतर से महसूस करते हैं और अपनी उलटी बेझिझक यहां उड़ेलते हैं. भड़ास के ये वे अड्डे हैं जहां वे अपनी असल पहचान जाहिर करते हैं.

झटपट शोहरत कितनी टिकाऊ
सोशल मीडिया की शोहरत टिकाऊ नहीं होती. सोशल मीडिया से अचानक हासिल की गई प्रसिद्धि कई बार बरकरार रखना मुश्किल होता है. यह जितनी तेजी से मिलती है, उतनी ही जल्दी खत्म भी हो जाती है.

युवाओं की जेबों पर डाका डालतीं फास्ट डिलीवरी ऐप्स
भारत में एक अलग ही ट्रैंड देखने को मिल रहा है मिनटों में डिलीवरी का, जो एक गेमचेंजर माना जा रहा है. युवा 10 मिनट की डिलीवरी के आदी हो रहे हैं. ये डिलीवरी ऐप्स उन की साइकोलौजी के साथ खेलती हैं, जिस से जरूरत न होने पर भी वे सामान खरीद रहे हैं. जानें क्या है उन की मार्केटिंग स्ट्रैटजी और कैसे लोग उन के जाल में फंसते जा रहे हैं.

रातोंरात चमकने के बाद बुझी क्यों शर्ली सेतिया
शर्ली सेतिया उस फेहरिस्त में कहीं है जिस में मेधा बादल शंकर, उर्वशी रौतेला व तृप्ति डिमरी हैं. ये रातोंरात फेमस तो हुईं मगर उसे भुनाने लायक उन में काबिलीयत नहीं.

"मैं बहुत गर्ली हूं" कावेरी कपूर
कावेरी कपूर चर्चित फिल्म निर्देशक शेखर कपूर की बेटी हैं. शास्त्रीय संगीत सीखने के बाद कावेरी ने फिल्मों में अभिनय कैरियर की शुरुआत की मगर जो चर्चा ऐक्टिंग को ले कर हासिल करनी थी वह वे फिलहाल पा न सकीं.

नैपा किड्स की फेल्ड लौंचिंग
इंडस्ट्री में नैपो किड्स की बहस चलती रही है. इस के लिए कई बार उन ऐक्टर्स को बुरी तरह ट्रोल भी किया गया है जो इंडस्ट्री में पहले से ऐक्टिव घरपरिवारों से आते हैं. इंडस्ट्री में कदम रखते ही उन्हें बड़ेबड़े प्रोडक्शन हाउस से फिल्में मिल जाती हैं. लेकिन, एक्सपोजर मिलने के बाद भी कुछ नैपो किड्स ने अपनी ऐक्टिंग स्किल्स से दर्शकों को मायूस किया है.

विस्थापन की कड़वी यादें और वेरा स्लोनिम का साथ
कम्युनिस्ट क्रांति के बाद मात्र 20 साल की उम्र में व्लादिमीर नाबोकोव को रूस छोड़ कर जाना पड़ा. विस्थापन की यादें कड़वी जरूर थीं मगर उन्होंने अपनी लेखनी में इसे जाहिर करना बेहतर समझा और इस में उन की पत्नी वेरा ने उन की सहायता की.

देसी कम्युनिटी में जेनजी का शोऔफ कल्चर
आज की पीढ़ी हर कदम पर दिखावा करने वाली है. क्या सच में दुनिया के सामने दिखावा जरूरी है? क्या आप इन ट्रेंड्स को फौलो नहीं करेंगे तो सोसाइटी आप को नकारा समझेगी? दोस्तों के सामने कूल बनने का सब से महंगा तरीका है जेनजी में शोऔफ का कल्चर.

बोल्डनैस से इंटरनैट पर छाई राधिका सेठ
राधिका सेठ ने न केवल मौडलिंग में बल्कि फिल्मों और वैब सीरीज में भी अपनी पहचान बनाई है.

सुशीला मीणा जैसों के सपनों पर अपनी पीठ थपथपाता बेशर्म समाज
सुशीला कोई अपवाद नहीं. न ही कोई स्पैशल टैलेंट है. सुशीला को ले कर इंटरनैट पर जो होहल्ला है वह सिर्फ उस के गरीब होने का है. जो गर्व किया जा रहा है उस की गरीबी पर किया जा रहा है. यह गर्व की बात नहीं बल्कि शर्म की बात है कि इस पर हम अपनी पीठ थपथपा रहे हैं.

टीनऐजर पहले कमाएं फिर अपनी चलाएं
टीनएजर को अकसर अपने पेरैंट्स से यह शिकायत होती है कि वे जबरदस्ती अपने डिसिजन उन पर थोप रहे हैं. ऐसे में यह बात समझ लें कि जो अपना पैसा खर्च कर रहा है उस की बात तो आप को सुननी ही पड़ेगी. जब आप कमाने लगें तब अपनी धौंस दिखा सकते हैं.

ओयो भी बना दुश्मन प्यार का कुंआरे कपल्स की एंट्री बंद
संविधान का अनुच्छेद 21 हर तरह की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात करता है. इसी कड़ी में अनुच्छेद 301 बहुत साफ करता है कि 2 बालिगों को रजामंदी से देश में कहीं भी सैक्स करने की आजादी है. ओयो कैसे कानून और संविधान का खुला उल्लंघन कर रहा है. आप भी जानिए-

मुकेश चंद्राकर की हत्या यूट्यूब के स्वतंत्र पत्रकारों के लिए नया चैलेंज
मुकेश चंद्राकर यूट्यूब पर 'बस्तर जंक्शन' नाम से अपना चैनल चलाते थे और बस्तर जैसे दुर्गम नक्सल प्रभावी क्षेत्र में पत्रकारिता किया करते थे. जनवरी 3 को उन की लाश स्थानीय ठेकेदार के सैप्टिक टैंक में पाई गई, जिस ने पत्रकारों के बीच सनसनी फैला दी.

इन्फ्लुएंसर्स देते लड़कियों को मेकअप का कौन्फिडेंस
मेकअप और स्किन केयर लड़कियों के कौन्फिडेंस को बूस्ट करने का माध्यम बन चुका है. इसे बढ़ाने में मेकअप आर्टिस्ट और इन्फ्लुएंसर्स ने खासा काम किया है. कहीं न कहीं वे बताते हैं कि मेकअप का इस्तेमाल खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए बेहद जरूरी होता है.

पोटेंशियल है मगर मौकों की कमी से जूझ रहीं श्रेया चौधरी
अच्छी हाइट, बोल्ड एंड सैक्सी पर्सनैलिटी, ऐक्टिंग स्किल्स व सुंदरता सब श्रेया के पास है जो एक सफल ऐक्ट्रैस बनने के लिए चाहिए लेकिन वे स्टैबलिश नहीं हो पाई हैं. आखिर ऐसा क्यों?

लड़की सेक्स पैसा वॉयलेंस रैप गानों में सिर्फ तूतूमैंमैं
आज हर गलीमहल्ले, स्कूलकालेजों में युवा रैप गाते हुए सुनाई देते हैं. रैप गानों का बड़ा प्रशंसक वर्ग है, खासकर इसे युवा खूब पसंद करते हैं. लेकिन जिस तरह के रैप गाने बनाए जा रहे हैं क्या वे सुनने लायक हैं भी?

प्रेम पत्र से कहीं अधिक सावित्री बाई फुले
सावित्री बाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं. तमाम रुकावटों और विरोधों के बावजूद उन्होंने अपने पति ज्योतिबा फुले के साथ मिल कर दलित, वंचितों और महिलाओं के लिए परिवर्तनकारी सामाजिक काम किए.

गरीब छात्रों को हवाई सपने बेचते एजुकेशनल स्पीकर्स
इस बात की क्या गारंटी है कि एक साल हाड़तोड़ मेहनत कर हर ऐस्पिरेंट आईएएस क्लीयर कर ही लेगा, जबकि सीटें ही उन का नाम लिखा है. इस उम्मीद को मोटिवेशन मुश्किल से 1,000 निकलती हैं? न जानें कितने ही स्टूडैंट्स इस उम्मीद में सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं कि उस एक सीट पर उन का नाम लिखा है . इस उम्मीद को मोटिवेशन के नाम पर हवाई पंख देते हैं एजुकेशनल स्पीकर्स जो बड़ेबड़े कोचिंग संस्थान चला रहे हैं. जानें इस मोटिवेशन के पीछे क्या है अंदर का खेल.

एडिन रोज की 'गंदी बात'
एडिन रोज ने भारतीय वैब सीरीज और साउथ इंडियन सिनेमा तक का सफर तय किया है. अब 'बिग बौस 18' में वाइल्ड कार्ड कंटेस्टेंट के रूप में उन की एंट्री ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला दिया है.

मोहब्बत और बगावत का शायर कैफी आजमी
कैफी आजमी भारत के शानदार शायरों में से एक रहे हैं. उन की शायरी एक तरफ बगावती तेवर वाली थी तो वहीं इश्कजादा भी, ठीक उसी तरह जैसे शौकत आजमी के साथ उन का प्यार और बाकी जिंदगी.

क्या इन्फ्लुएंसर्स देते हैं सही जानकारी
आज युवा अपना सब से ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिता रहा है. वह अपनी समस्या का हल ढूंढ़ने की जगह सोशल मीडिया का सहारा लेने लगा है. इन्फ्लुएंसर्स का बड़ा वर्ग इन युवाओं को अपना फौलोअर्स बना रहा है और इन के द्वारा ऐसा कंटेंट परोसा जा रहा है जो भटकाने का ही काम कर रहा है.

जब टीचर पर क्रश हो
स्टूडेंट और टीचर के बीच की ऐसी खट्टीमीठी यादें होती हैं जो बड़े होने पर भी दिमाग से नहीं निकलतीं. कई बार अनबन भी होती हैं और कई बार क्रश भी हो जाता है जो बाद में बचकाना लगता है. जानिए ऐसी अनबनों को कैसे ठीक करें.

क्पल्स रोमांटिक डेट गेम्स
कपल्स के लिए डेट नाइट्स सिर्फ फिल्में देखने या डिनर पर जाने तक सीमित नहीं रह गई हैं. कपल्स आजकल अपनी डेट नाइट्स में मस्ती, रोमांच और अलगअलग ऐक्टिविटीज का तड़का लगाना पसंद करते हैं. यही कारण है कि रोमांटिक गेम्स का चलन बढ़ रहा है. ये गेम्स न केवल प्यार को गहराई में ले जाते हैं बल्कि रिश्ते में ताजगी और मजा भी भरते हैं.