राजा महेंद्र प्रताप के बहाने जाटलैंड मजबूत करने की कोशिश
Uday India Hindi|October 03, 2021
राजा महेंद्र प्रताप और सुभाष चंद्र बोस में समानता रही कि दोनों ने निर्वासित रहते हुए विदेशों में सरकार बनाई। लेकिन दोनों को आजाद भारत में कोई भूमिका निभाने का मौका नहीं मिला। महेंद्र प्रताप आजाद भारत में लौट आए, लेकिन सुभाष चंद्र बोस को ऐसा अवसर नहीं मिला। महेंद्र प्रताप ने 1957 का चुनाव मथुरा से निर्दलीय लड़ा और करीब तीस हजार मतों से विजयी रहे। इस चुनाव में उन्होंने एक और जाट नेता चौधरी दिगंबर सिंह को हराया था। यहां से उस चुनाव में भारतीय जनसंघ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी भी मैदान में थे। हालांकि उनकी जमानत जब्त हो गई। वाजपेयी उस चुनाव में चार जगहों से लड़ रहे थे। मथुरा समेत तीन जगहों पर उनकी हार हुई, जबकि लखनऊ के नजदीक बलरामपुर से वे जीत गए थे।
उमेश चतुर्वेदी
राजा महेंद्र प्रताप के बहाने जाटलैंड मजबूत करने की कोशिश

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