CATEGORIES
सूरज जब गर्मी करे तब बरसन की आस
योग में, भक्ति में प्रवेश करनेवाले साधकों को प्रारम्भ में किसीके जीवन-चरित्र द्वारा अथवा किसीके सत्संग के द्वारा, किसीकी मुलाकात के द्वारा अलौकिक कुछ-न-कुछ लाभ लाभ होने लगता है तो उनकी श्रद्धा बँधती है और जब श्रद्धा बँधती है और यात्रा करने लगते हैं तो बीच में विघ्न आ जाते हैं - यश के, मान के, अहंकार सजाने के।
उत्तम स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है ईश्वरीय शक्ति का अवलम्बन !
(गतांक से आगे)
कैसी अहेतुकी करुणा-कृपा बरसाते हैं मेरे गुरुदेव !
पूज्य बापूजी के जीवन-प्रसंग
शिव-तत्त्व की महिमा व उपासना की विधि
महाशिवरात्रि : १८ फरवरी
सच्चा प्रेम दिवस कर रहा सबका जीवन खुशहाल
यह ईश्वर की अनुपम करुणा-कृपा है
देश के लिए खतरा है जबरन धर्मांतरण
उच्चतम अदालत का गम्भीर इशारा
ऐसी निष्ठा व सजगता करती बेड़ा पार
नरेन्द्र श्री रामकृष्ण परमहंस के पास दक्षिणेश्वर में जाया करते थे । नरेन्द्र को वे बहुत स्नेह करते थे। एक बार रामकृष्ण के आचरण ने करवट ली, नरेन्द्र आये तो उन्होंने मुँह घुमा लिया।
इस झमेले के दुःखों से पार होना हो तो...
जो लोग सोचते हैं, 'मैं परेशान हूँ, मैं दुःखी हूँ' वे अपने-आपके बड़े खतरनाक दुश्मन होते हैं।
जीवन को साधनामय बनाने की कला
साधक परमात्म-पथ पर आगे निकलनेवाले को मदद करते हुए खुद भी आगे जाता है।
सम्पूर्ण स्वास्थ्य का आधार : आयुर्वेद
(अक्टूबर २०२२ के अंक में हमने पढ़ा कि किस प्रकार पूज्य बापूजी ने आयुर्वेद का ज्ञान देकर एवं सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार करके आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों को जन-जन तक पहुँचाया। अब आगे...)
रोग का रहस्य और निरोगता का मूल
(अंक ३५८ का शेष)
मैं भक्तन को दास
एक संत थे जिनका नाम था जगन्नाथदास महाराज। वे भगवान को प्रीतिपूर्वक भजते थे। वे जब वृद्ध हुए तो थोड़े बीमार रहने लगे।
अनमोल है सत्संग
'मानव सेवा संघ' के संस्थापक स्वामी शरणानंदजी से किसीने पूछा : \"आप सत्संगसमारोह तो करते हैं परंतु उस पर इतना खर्चा !”
सेवा के लिए यह सुवर्ण युग है
समाज तक सत्संग पहुँचानेवाले धनभागी हैं!
उत्तम स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है ईश्वरीय शक्ति का अवलम्बन
('रोग-निवारण की अनंत शक्ति आपमें ही है !’ गतांक से आगे)
तुलसी में भगवान नारायण का निवास
(तुलसी पूजन दिवस : २५ दिसम्बर पर विशेष)
ऐसे दुःख पर करोड़ों-करोड़ों सुख कुर्बान
जो गुरु के वचनों को ठीक ढंग से स्वीकार करे वह शिष्य है। जो गुरु के वचन में दोष देखे वह शिष्य 'शिष्य' नहीं कहा जाता, वह कृतघ्न कहा जाता है, कुशिष्य कहा जाता है।
मकर संक्रांति का महत्त्व और लाभान्वित होने की विधि
मकर संक्रांति, उत्तरायण : १५ जनवरी
मंगलमयी, सुख-समृद्धिदायी गौ-सेवा
विश्वगुरु भारत कार्यक्रम पर विशेष
ईश्वर का वरदान : संजीवनी तुलसी
तुलसी पूजन दिवस : २५ दिसम्बर
दो कुंजियाँ जो खोल देंगी आपके अंदर का खजाना स्मृति योग और प्राणायाम
परमात्मा की तरफ का साधन थोड़ा ही हो पर साधक असाधन में न गिरे तो बाजी मार लेता है।
पूज्य बापूजी के साथ आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी
जीवन की बेचैनी मिटानी हो तो परमात्मा की जिज्ञासा करो।
रोग निवारण की अनंत शक्ति आपमें ही है!
सारी सृष्टि का स्वामी अपना आत्मा है, उसका अनादर करना अपना घात करना है।
मंत्रशक्ति से आरोग्यता व अन्य लाभ
('मंत्रशक्ति से आरोग्यता' गतांक का शेष)
बंधन केवल मान्यता है
जीव बंधन से जकड़ा हुआ है। कर्म में बंधन है पाप-पुण्य का। भोग में बंधन है सुख-दुःख का। प्रेम में बंधन है संयोगवियोग का। सृष्टि में चारों ओर भय, बंधन और परतंत्रता ही नजर आते हैं। ऐसे में भय से, बंधन से, पराधीनता से मुक्ति कैसे हो, यह जिज्ञासा उत्पन्न होती है।
... फिर गीता समझ में आ जाती है
भगवान श्रीकृष्ण की गीता मानवमात्र के जीवन को ज्ञान से, आनंद से, समता के सौंदर्य से सजाने में सक्षम है।
घटता पशुधन फिर भी दूध की भरमार... कहाँ से आ रहा है इतना दूध?
लम्पी रोग से झुलसती, मरती गायें
जीवन के विकास के दो पंख
जब सुख लेने की चाह चली गयी तो आप अपने-आपमें सुखी हैं।
आत्मसाक्षात्कार दिवस पर पूज्य बापूजी का मंगलमय संदेश
करना और पाना है माया, करना-पाना जहाँ से गुजर जाता है वह है आत्मानुभव।
स्वास्थ्य - कल्याण की बातें
(तन, मन, अंतरात्मा के) उत्तम स्वास्थ्य का मूल 'श्रद्धा' है।