"मैं मंगलवन बेरी भालू की बर्थडे पार्टी में जा रहा हूं, वहां जमकर डांस करूंगा,” जिफ्फी खुशी से उछलते हुए बोला.
"वाह, क्या बात है, जाओ, लेकिन तुम ने वोट दिया है?" डेरी ने पूछा.
"अरे, छोड़ो यार. लाइन में घंटों खड़ा हो कर कौन अपना समय बरबाद करेगा? तुम लोग जाओ वोट दो और अपना मनपसंद सांसद चुनो. आज मेरा मौजमस्ती करने का दिन है, मैं समय पर वहां पहुंचना चाहता हूं,” कह कर जिफ्फी जाने लगा.
“रुको जिफ्फी, बिना वोट डाले मत जाओ. तुम्हारा वो बहुत कीमती है. आओ, 10 मिनट लगेंगे मतदान करने में. पार्टी शाम को होगी, तुम समय पर पहुंच जाओगे,” डेरी ने कहा.
"डेरी, राजनीति में मेरी कोई रुचि नहीं है. मैं कभी वोट डालने नहीं जाता. नेता जीतने के बाद वन का विकास करना भूल जाते हैं, वे जानवरों को कोई सुविधा नहीं दिलवाते, सिर्फ अपना उल्लू सीधा करते हैं. मुझे इन से बड़ी चिढ़ है," जिफ्फी ने कहा.
"तुम ठीक कह रहे हो दोस्त, ज्यादातर नेता मतलबी होते हैं. हम यदि अच्छे प्रत्याशी को वोट दें तो वह जीत कर हमारे क्षेत्र का विकास करेगा. पिछले चुनाव में एक अच्छा नेता मात्र एक वोट से हार गया था. सोचो, अगर तुम वोट डालते तो बदमाश लिलो लोमड़ नहीं जीतता. इस बार जरूर वोट दो और अच्छे प्रत्याशी को जिताओ,” डेरी बोला.
"जरूर डेरी, तुम ठीक कह रहे हो. मैं तुम्हारी बात टाल नहीं सकता,” जिफ्फी ने कहा.
この記事は Champak - Hindi の May Second 2024 版に掲載されています。
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.