वह बीती 16 जुलाई की मानसूनी दोपहर थी, जब एक आटोरिक्शा भोपाल के मीनाल रेसीडेंसी की घुमावदार सड़कों से होता हुआ एक बंगले, जिस का नंबर ए-53 है, के सामने रुका. आटो से एक जवान महिला नीचे उतरी. उस ने आटो का किराया दिया और यूं ही शायद उत्सुकतावश इधरउधर देखती उस बंगले में दाखिल हो गई.
भोपाल की इस पौश रिहायशी टाउनशिप में छोटेबड़े स्वतंत्र मकानों की लंबी श्रृंखला है, जहां रहने वाले सभी लोग सभ्य और शिक्षित हैं. लेकिन आमतौर पर एकदूसरे से ज्यादा मतलब नहीं रखते हैं. महिला शायद इस कालोनी में पहली बार आई थी, इसलिए करीने से बसी इस कालोनी को हैरानी से देखते हुए दरवाजा खुलने का इंतजार कर रही थी.
भव्य दोमंजिले इस बड़े से बंगले के अंदर की मायावी और रहस्यमय दुनिया से कालोनी के लोग अच्छी तरह वाकिफ थे, क्योंकि इस में मिर्ची बाबा रहते थे. कोई 2 साल पहले तक इस मकान में दिन भर चहलपहल बनी रहती थी और बाहर मुस्तैद गनमैन तैनात रहते थे. बंगले के सामने की सड़क पर खड़ी बड़ीबड़ी गाड़ियों का जमावड़ा बता देता था कि इस में कोई रसूखदार और गैरमामूली शख्स रहता है.
लेकिन राज्य में जब 2020 में कांग्रेस सरकार गई और भाजपा की सरकार बनी तो बंगले की रौनक फीकी पड़ने लगी. क्योंकि मिर्ची बाबा को मिला राज्यमंत्री का दरजा छिन गया था. तब से कालोनी के शांतिप्रिय लोगों को थोड़ी राहत मिली थी क्योंकि अब पहले जैसी भीड़ यहां नहीं लगती थी. फिर भी इक्कादुक्का लोग आया करते थे, जिन पर कोई ध्यान नहीं देता था.
ऐसा ही उस दिन हुआ, जब आटोरिक्शा से वह महिला उतर कर अंदर गई. उस के अंदर जाने के बाद इस मकान में क्या हुआ था, यह लोगों को 9 अगस्त को मीडिया के जरिए पता चला जब उन्होंने यह खबर देखी और सुनी कि मिर्ची बाबा को दुष्कर्म के आरोप में ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया गया है.
इस से मीनाल रेसीडेंसी ही नहीं बल्कि पूरे भोपाल, मध्य प्रदेश और मिर्ची बाबा को जानने वाले देश के दूसरे लोग भी चौंके थे. क्योंकि इस बाबा की पहुंच कांग्रेस सरकार जाने के बाद भी ऊपर तक थी और इस के भक्तों की संख्या भी अच्छीखासी थी.
この記事は Manohar Kahaniyan の October 2022 版に掲載されています。
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