एयरफोर्स में फाइटर पायलट रहे पिता के बेटे अनुज शर्मा अपनी अदाकारी से मनोरंजन दुनिया में एक अलग पहचान बना चुके हैं. सोनीपत, हरियाणा के इस कलाकार को 'स्टेट औफ सीज 26/11', 'स्पैशल औप्स', 'अनदेखी', 'जौनपुर' समेत कई वैब सीरीज में काफी पसंद किया गया है.
फिलहाल अनुज शर्मा जल्द रिलीज होने वाली अपनी फिल्मों 'चिड़िया', 'कर्मसूत्र' व 'आजमगढ़' को लेकर चर्चा में हैं. फिल्म 'चिड़िया' में वे सोलो हीरो हैं, जबकि फिल्म 'आजमगढ़' में उन के साथ पंकज त्रिपाठी हैं. पेश है, उन से हुई लंबी बातचीत के खास अंश :
आप के पिता एयरफोर्स में फाइटर पायलट थे, पर आप ने एयरफोर्स में जाने के बजाय ऐक्टिंग को ही क्यों चुना ?
मेरे एयरफोर्स पिता ओम प्रकाश शर्मा में फाइटर पायलट थे. उन्होंने 1971 का युद्ध लड़ा था. मेरी मां सुशीला शर्मा हिंदी की टीचर रही हैं. मेरे दादा राजनीति में थे. बड़े भाई होटल कारोबार से जुड़े हैं.
मैं पढ़ाई में कभी बहुत ज्यादा तेज नहीं रहा हूं, लेकिन बचपन से मुझे महान लोगों की जीवनियां पढ़ने का शौक रहा है. मेरे आदर्श अब्राहम लिंकन हैं.
मेरे पिता ने बहुत सही उम्र में मुझे अब्दुल कलाम की एक किताब 'विंग्स औफ फायर' पढ़ने को दी थी. इस की पहली लाइन थी, 'सपने हमेशा बड़े देखो'.
इस लाइन से मैं काफी प्रभावित हुआ और मैं ने सोच लिया था कि जिंदगी में जब भी बनना है, बड़ा ही बनना है, छोटा नहीं. पहले मेरी इच्छा पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए एयरफोर्स में जाने की थी, जिस के लिए मैं ने कोशिश भी की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली.
इस के बाद मैं दिल्ली के हिंदू कालेज में पढ़ाई करने पहुंच गया, क्योंकि पिता ने कहा था कि पहले ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी करो, उस के बाद जो मरजी हो, वह करना. मैं फिलोसफी में गोल्ड मैडलिस्ट हूं. मैं ने मास्टर की डिगरी हासिल की है.
उन दिनों कालेज में नाटक हुआ करते थे, तो मैं भी थिएटर करने लगा था. इसी के चलते मेरे अंदर भी फिल्मों से जुड़ने का सपना जागा, इसलिए फिल्मों में हीरो बनने के लिए मैं एक दिन मुंबई पहुंच गया.
この記事は Saras Salil - Hindi の September First 2022 版に掲載されています。
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