यह सीरीज आईसी-814 के असल पायलट कैप्टन देवीशरण की किताब 'फ्लाइट इनटू फीयर' का रूपांतरण है. सीरीज की कहानी 25 साल पहले हुए 1999 के कंधार हाईजैक पर आधारित है. इस की असली कहानी आज से करीब 25 साल पहले 24 दिसंबर, 1999 में नेपाल की राजधानी काठमांडू त्रिभुवन इंटरनैशनल एयरपोर्ट में घटित हुई थी, जहां पर इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी. मगर जैसे ही यह फ्लाइट बादलों तक पहुंची ही थी कि इस फ्लाइट को हाईजैक कर लिया गया था.
आईसी-814 फ्लाइट को बंदूक की नोक पर दिल्ली के बजाए अमृतसर ले जाया गया, क्योंकि आतंकियों का मकसद इसे पाकिस्तान ले जाने का था. कुछ समय तक यह फ्लाइट अमृतसर में ही रुकी रही, फिर आतंकियों ने पायलट को विमान लाहौर ले कर जाने के निर्देश दिए. लाहौर में जब फ्लाइट आईसी- 814 को उतरने की अनुमति मांगी गई तो पाकिस्तान ने इसे अस्वीकार कर दिया, मगर फिर केवल फ्यूल भरने की अनुमति मिली और फिर फ्यूल भरने के बाद इस विमान को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल मिन्हाद एयर बेस पर उतारा गया.
फ्लाइट को जब हाईजैक किया गया था, तब उस में 176 यात्री सवार थे. इन में से कुछ विदेशी भी थे. अल मिन्हाद एयर बेस पर 27 यात्रियों को रिहा कर दिया गया और यहां से विमान सीधे अफगानिस्तान कंधार के लिए रवाना हो गया था.
この記事は Satyakatha の October - November 2024 版に掲載されています。
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