होली पर आप कई तरह के मीठे और नमकीन पकवान बनाती होंगी, लेकिन इस बार आप परांपरागत व्यंजनों के साथ कुछ नए पकवान आजमाकर रंगोत्सव को और भी ज्यादा स्पेशल बना सकती हैं। पारंपरिक मीठे व्यंजनों के अलावा आप प्राचीन पकवानों को आधुनिक ट्विस्ट भी दे सकती हैं, जैसे कि आम गुझिया के बजाय चॉकलेट और अखरोट के मिश्रण से भरी गुझिया बना सकती हैं। पारंपरिक व्यंजनों में ये आधुनिक बदलाव एक अनूठा स्वाद जोड़ देंगे। इसके अलावा आप कुछ हेल्दी पकवान भी बना सकती हैं, जिनको खाते वक्त आपको अपनी सेहत के बारे में चिंता भी नहीं करनी होगी।
■ चॉकलेट गुझिया और बर्फी : मावे और ड्राई फ्रूट से बनी गुझिया होली की जान होती है, लेकिन इस बार आप इसे फ्यूजन टच देकर मेहमानों को चकित कर सकती हैं। आप इस गुझिया को मावा और चॉकलेट चिप्स के भरावन के साथ बनाएं। इसे आप क्रीम और चॉकलेट सॉस के साथ गार्निश करें। बर्फी बनाने के लिए आप देसी घी, खोवा, घिसी हुई मिल्क चॉकलेट, बादाम, अखरोट, पिसी चीनी, ब्रेड का बुरादा, घिसा हुआ नारियल, ड्राई फ्रूट्स, इलायची पाउडर, गुलाब जल और केवड़ा एसेंस का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसे बनाने के लिए आप सारी चीजों को एक बर्तन में मिलाएं। इसके बाद इसमें चीनी, इलायची पाउडर, केवड़ा एसेंस डालकर बेकिंग ट्रे पर फैला दें। इस मिश्रण को 180 डिग्री सेल्सियस पर ओवन में 25 मिनट के लिए बेक करें। अब इसे बाहर निकालकर ठंडा होने दें। फिर मनचाहा आकार दें। यह गुझिया और बर्फी बच्चों को खासतौर पर पसंद आएगी।
■ पान कोकोनट लड्डू : पान से बना यह खास लड्डू सबको भाएगा। यह स्वाद में बेहतरीन होता है। पान के पत्ते और कंडेंस मिल्क को मिक्सर जार में पीस लें। कड़ाही में घी गरम कर इसमें नारियल पाउडर डालने के बाद धीमी आंच पर भूनकर पिसे मिश्रण में मिला दें। हथेली में थोड़ा घी लगाकर मिश्रण के बीच गुलकंद भरते हुए लड्डू बना लें।
この記事は Rupayan の March 22, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Rupayan の March 22, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
शाप भी देते हैं पितर
धर्मशास्त्रों ने श्राद्ध न करने से जिस भीषण कष्ट का वर्णन किया है, वह अत्यंत मार्मिक है। इसीलिए शास्त्रों में पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने को कहा गया है।
हर तिथि का अलग श्राद्धफल
पितृपक्ष में पितरों के निमित्त तिथियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, तिथि अनुसार किए गए श्राद्ध का फल भी अलग-अलग होता है।
पितृदोष में पीपल की परिक्रमा
शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने के उपाय जरूर करने चाहिए, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।
पिंडदान के अलग-अलग विधान
व्यक्ति का अंत समय कैसा रहा, इस आधार पर उसकी श्राद्ध विधि भी विशेष हो जाती है। अलग-अलग मृत्यु स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह से पिंडदान का विधान है।
पितृपक्ष में दान
भारतीय संस्कृति में दान की महत्ता अपरंपार है। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान दान का विशेष महत्व है। कुछ वस्तुओं के दान को तो महादान माना गया है।
जैसी श्रद्धा, वैसा भोज
पितृपक्ष में ब्राह्मण भोज जरूरी है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अत्यंत गरीब है तो वह जल में काले तिल डालकर ही पूर्वजों का तर्पण कर सकता है।
स्त्रियों को भी है अधिकार
यदि परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है तो ऐसी स्थिति में स्त्री भी संकल्प लेकर श्राद्ध कर सकती है। शास्त्रों ने इसके लिए कुछ नियम बताए हैं।
निस्संतान के श्राद्ध की विधि
शास्त्रों के अनुसार, पुत्र ही पिता का श्राद्ध कर्म करता है। ऐसे में जो लोग निस्संतान थे, उन्हें तृप्ति कैसे मिलेगी ? शास्त्रों ने उनके लिए भी कुछ विधान बताए हैं।
पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान
पिंडदान के लिए यदि कोई पंडित उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में शास्त्रों ने इसका भी मार्ग बताया है, जिससे आप श्राद्ध कर्म संपन्न कर सकते हैं।
किस दिशा से पितरों का आगमन
पितरों के तर्पण में कुछ वास्तु नियम भी बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिनके पालन से तर्पण का अधिकतम लाभ होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।