इनकी शरारतों ने परेशान कर दिया!
Rupayan|July 19, 2024
बच्चे चंचल और शरारती होते हैं। लेकिन कई बार वे कुछ ज्यादा ही शरारतें करने लगते हैं, खासकर किसी रिश्तेदार के घर जाने पर और तब वहां आपको शर्मिंदा होना पड़ता है?
यशस्वी यादव
इनकी शरारतों ने परेशान कर दिया!

बच्चों को किसी रिश्तेदार के घर लेकर जाना माता-पिता के लिए सबसे मुश्किल काम होता है, क्योंकि वहां वे न सिर्फ खाने को लेकर नखरे दिखाते हैं, बल्कि शरारतें भी करते हैं। इस वजह से कई बार पेरेंट्स को शर्मिंदा भी होना पड़ता है। इस स्थिति में मन में बस यही ख्याल आता है कि 'बेकार ही आ गए। इससे अच्छा तो घर पर ही रहते।' लेकिन आप थोड़ी-सी समझदारी दिखाकर और बच्चों में अच्छी आदतें डालकर उन्हें रिश्तेदारों के घर शरारतें करने से रोक सकती हैं।

■ शांति से समझाएं : अच्छी परवरिश का सबसे पहला नियम है, प्यार और शांति। आप जितना अधिक शांत भाव से अपने बच्चों की परवरिश करेंगी, बच्चे भी उतने ही सभ्य और आज्ञाकारी बनेंगे। जिन बच्चों के माता-पिता बातबात पर गुस्से में आ जाते हैं या कुछ ज्यादा ही ओवर रिएक्ट करते हैं, उनके बच्चे उनसे दूर हो जाते हैं और बातें छुपाने लगते हैं। आपके साथ ऐसा न हो, इसलिए अपने बच्चों को प्यार और शांति से सही-गलत का अंदर समझाएं।

この記事は Rupayan の July 19, 2024 版に掲載されています。

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