पुत्र कर्तव्यों को पूर्ण कर पिता का अन्वर्थ 'पु' नामक नरक से 'त्र' त्राण करने वाला पुत्र बनूंगा। माता-पिता का श्राद्ध पुत्र का कर्तव्य पूर्ण करूंगा। शास्त्रों के अनुसार, पितृ ऋण से मुक्ति पाने का उपाय है श्राद्ध कर्म । श्राद्ध कर्म करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है। श्राद्ध माता-पिता, गुरुजनों की आज्ञा का पालन करने वाला उनकी मृत्यु उपरांत और्ध्व दैहिक संस्कार, पिंड पत्तल, ब्राह्मण भोज आदि कार्य करने तथा गया जी तीर्थ जाकर पिंडदान करने से पुत्रता सिद्ध होती है। मगर सवाल यह है ि जो लोग निस्संतान हैं, उनको कैसे तृप्ति मिलेगी? तो इनके लिए भी शास्त्रों में कुछ विधान दिए गए हैं।
निस्संतान स्त्री-पुरुष का श्राद्ध
この記事は Rupayan の September 13, 2024 版に掲載されています。
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ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?
नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
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तंदूरी प्याज कुलचा
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