फिट और टोंड बॉडी, परफेक्ट माप, गुड शेप... ग्लैमर की दुनिया से ले कर सोशल मीडिया, पत्र-पत्रिकाओं और आम लोगों के आपसी संवाद तक आजकल बातचीत का प्रमुख मुद्दा यही है। शादी की तसवीरें हों, सैर-सपाटे या किटी पार्टीज की, टोंड और परफेक्ट बॉडी के प्रति हमारा प्यार ऑब्सेशन में बदलता जा रहा है। लुक गुड-फील गुड का प्रेशर इतना है कि इससे बच पाना खासा मुश्किल होता है।
कई बार सेहत की कीमत पर फिटनेस हासिल की जाती है। वॉट्सएप स्टेटस पढ़ें या फेसबुक इंस्टा रील्स और पोस्ट्स देखें, फिटनेस को ले कर अलग ही दीवानगी नजर आती है। एक अर्थ में यह अच्छी बात भी है, क्योंकि जंक फूड के ढेर पर बैठी एक पूरी आबादी ओबेसिटी की गिरफ्त में आ रही है। ऐसे में फिटनेस और सेहत पर बात होना अच्छा है, मगर तसवीर का दूसरा पहलू यह है कि दुबला-पतला दिखने का यह दबाव लोगों के मन और शरीर, दोनों को बीमार बना रहा है। यह मोटापे से भी अधिक बड़ी बीमारी है।
मैं मोटी क्यों हूं
महिलाओं की बातचीत में मोटापा और फिटनेस बहुत आम है। शरीर में दो-एक किलो बढ़े नहीं कि माथे पर त्यौरियां चढ़ जाती हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में सभी एक्सपर्ट हैं। गूगल बाबा की सलाह ने सभी को विशेषज्ञ बना दिया है। शरीर की माप को ले कर एक खास अवधारणा है। बीएमआई को ले कर भी कई भ्रम हैं। सचाई यह है कि बीएमआई के यूरोपियन-अमेरिकन पैमाने भारतीय शारीरिक ढांचे पर लागू नहीं किए जा सकते। कई बार बीएमआई दुरुस्त होता है, लेकिन व्यक्ति बीमार भी होता है। दरअसल हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां दूसरों के तराजू से खुद को तौला जाता है। मोटापे से जंग वाकई बड़ी है, लेकिन इससे भी बड़ी लड़ाई वह है, जो हमें अपने ही शरीर के प्रति नफरत सिखाती है। महिलाओं को इस मामले में कुछ ज्यादा ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है, क्योंकि सुंदर-स्मार्ट और फिट दिखना उनके लिए जरूरी बना दिया गया है और इसे ही सुंदरता से जोड़ा जाने लगा है। जबकि फिट दिखने और फिट महसूस करने में बहुत अंतर है। शारीरिक ढांचे, साइज और शेप के स्तर पर रिजेक्शन का भय लोगों, खासतौर पर महिलाओं में एंग्जाइटी और डिप्रेशन पैदा कर रहा है।
हर उम्र में होते हैं बदलाव
この記事は Vanitha Hindi の July 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Vanitha Hindi の July 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
चिल्ड्रंस डे कुछ सवाल
अगर आज हम अपने बच्चों को बेहतर वर्तमान देने की हैसियत रखते हैं तो कल | हम देश के बेहतर भविष्य की गारंटी दे सकते हैं। चिल्ड्रंस डे पर दो अहम मुद्दे, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। ये दोनों बातें बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन्हें समझने की जरूरत है।
मैरिज रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी
अपनी शादी को कानूनी रूप से रजिस्टर कराने के कई फायदे हैं। मैरिज रजिस्ट्रेशन से संबंधित जरूरी बातें-
प्लस साइज दुलहन मेकअप व फैशन टिप्स
हर ब्राइड अपने बिग डे पर सबसे सुंदर दिखना चाहती है, फिर चाहे वह प्लस साइज ब्राइड ही क्यों ना हो ! कैसे दिखे कर्वी ब्राइड परफेक्ट और सबसे अलग ?
जब शादी में पहनें मां की वेडिंग ड्रेस
मां का लहंगा या दादी का पेंडेंट, शादी में कैसे पहनें, जानिए-
क्या है ऑफिस पीकॉकिंग
पीकॉकिंग एक सोशल बिहेवियर है, जिसका मतलब है दूसरों को इंप्रेस करने के लिए खुद को बदलना।
स्किन के लिए मैजिक टेप
बॉडी पर होने वाले हाइपोट्रॉपिक निशानों या केलॉइड्स को कम कर सकता है स्कार टेप।
दूल्हा सजेगा नहीं तो जंचेगा कैसे
बिग फैट इंडियन वेडिंग में जितनी दुलहन की ज्वेलरी जरूरी है, उतना ही महत्व है दूल्हे की ज्वेलरी व एक्सेसरीज का । ट्रेडिशनल से मॉडर्न जमाने तक के बदलावों पर एक नजर-
विंटर स्किन केअर
सरदियों में अपनी स्किन को दें थोड़ा ज्यादा दुलार, ताकि यह बनी रहे सॉफ्ट व हेल्दी।
सही बैंक्वेट कैसे चुनें
शादी की तैयारियों में बैंक्वेट हॉल बुक करने से पहले जरूरी है सही सवाल पूछना।
शादी में बचत
वेडिंग इंडस्ट्री इस साल आने वाले 2 महीनों में 35 लाख शादियों के साथ 4.25 लाख करोड़ रुपए के खर्च की तरफ बढ़ रही है।