किसानों को नवंबर महीने की शुरुआत में ही गेहूं के लिहाज से अपने खेतों की मिट्टी की जांच करा लेनी चाहिए, ताकि कोई कमी हो तो उस का इलाज किया जा सके और उसी के मुताबिक कृषि वैज्ञानिकों से सलाह ले कर बीज, खाद व उर्वरक वगैरह डालने चाहिए.
• गेहूं की बोआई के लिए अपने इलाके की आबोहवा के हिसाब से ही उन की किस्मों का चयन करना ठीक रहता है. वैज्ञानिकों की सलाह के मुताबिक बीजों का बंदोबस्त करें.
• अकसर कई किसान बड़े किसानों से ही बीज खरीद लेते हैं. ऐसी हालत में बीजों को उम्दा फफूंदीनाशक दवा से उपचारित करना जरूरी हो जाता है. बीजों को उपचारित न करने का असर पैदावार पर पड़ता है.
• सीड ड्रिल से गेहूं की बोआई करना सही रहता है. इस तरीके से बीजों की बरबादी नहीं होती है.
• गेहूं की बोआई लाइनों में करना बेहतर होता है और पौधों के बीच का फासला तकरीबन 20 सैंटीमीटर होना चाहिए. इतना फासला रखने से पौधों का विकास अच्छा होता है और खेत की निराईगुड़ाई करना भी आसान होता है.
この記事は Farm and Food の November First 2022 版に掲載されています。
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बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
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रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?
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धान की कटाई से भंडारण तक की तकनीकी
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