![खेती के विकास में स्मार्ट तकनीक](https://cdn.magzter.com/1400326928/1718626361/articles/htiCw-WSi1718694609124/1718694925210.jpg)
खाद्य सुरक्षा पर पूरी दुनिया में चिंता है. कोविड-19 महामारी ने खाद्य सुरक्षा पर दोबारा नए सिरे से विचार करने का मौका दिया है. जहां संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डवलपमैंट गोल्स के अनुसार, एक ऐसी दुनिया का सपना देखा जाता है, जहां कोई गरीब न हो, जहां कोई भूखा न हो, वहीं इंटरगवर्नमैंटल पैनल औन क्लाइमेट चेंज के अनुसार, साल 2050 तक हमें उपज में 10-25 फीसदी तक की कमी देखने को मिल सकती है. इस का पूरी दुनिया की खाद्य उपलब्धता पर भारी असर पड़ेगा.
जलवायु परिवर्तन के कारण पशुधन के क्षेत्र में भी उत्पादकता, भोजन और चारे की उपज और मवेशियों की सेहत में गिरावट दर्ज होगी. पौधों और जंतुओं पर आधारित बीमारियों का फैलाव बढ़ जाने की भी संभावना होगी. किसानों की आय पर प्रभाव पड़ने से गरीबों के स्तर में भी वृद्धि हो सकती है.
संयुक्त राष्ट्र की संस्था 'फूड ऐंड एग्रीकल्चर और्गनाइजेशन' ने अनुमान लगाया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हमें तकरीबन 122 मिलियन लोग काफी गरीबी में देखने को मिल सकते हैं. भारत के आर्थिक सर्वे ने खेती की आय में कमी होने की बात को दोहराया है. ऐसी संभावनाओं के बीच स्मार्ट तकनीक से स्मार्ट खेती को एक आशा की किरण के रूप में देखा जा सकता है.
आज भारत में डिजिटल तकनीकी का प्रयोग काफी बढ़ रहा है. देश के बड़े व्यक्ति के साथ छोटे से छोटे व्यक्ति के हाथ में भी आप को मोबाइल दिखाई देगा. 50 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण नौजवान गांवों में रोजगार की राह खोज रहे हैं.
यदि इन ग्रामीण नौजवानों को डिजिटल तकनीक का खेती में प्रयोग करने का प्रशिक्षण दिया जाए, तो इस से नौजवानों को एक नया रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ हमारी खेती की उत्पादन कूवत बढ़ेगी और किसान की अच्छी आमदनी भी सुनिश्चित होगी.
स्मार्ट खेती में उपग्रह आधारित विशिष्ट फसल प्रबंधन, वस्तुओं के इंटरनेट आधारित उपकरण जैसे सैंसर, रोबोट, ड्रोन आदि के प्रयोग से बेहतर खेती, उत्पादकता और आमदनी बढ़ाना, जलवायु परिवर्तन के अनुसार खेती, बेहतर उत्पादन के साथ फसलों में अंतर, क्षेत्र परिवर्तनशीलता को देखने, मापने और डाटा विश्लेषण के आधार पर अच्छे कृषि प्रबंधन को अपना कर स्मार्ट खेती की जा सकती है.
この記事は Farm and Food の June First 2024 版に掲載されています。
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![स्वाद का खजाना आम कलाकंद](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/ftjdpDP-u1718696255527/1718696374094.jpg)
स्वाद का खजाना आम कलाकंद
आम को यों ही फलों का राजा नहीं कहा जाता है, बल्कि इस की खूबियां और अलगअलग तरह के रंग, रूप और लाजवाब जायका इसे फलों के राजा का खिताब दिलाता है.
![राजस्थान की रेत में बागबानी से लखपति बनी महिला किसान संतोष देवी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/6JS8voxEi1718695666493/1718696221227.jpg)
राजस्थान की रेत में बागबानी से लखपति बनी महिला किसान संतोष देवी
हमारे देश में महिला किसानों और खेत में काम करने वाली महिलाओं की संख्या पर अगर गौर करें, तो इन की कुल संख्या 84 फीसदी है. लेकिन मुख्य धारा की मीडिया में इन महिला किसानों की चर्चा बहुत कम होती है या कह लिया जाए कि न के बराबर होती है, जबकि देश में मुट्ठीभर बिजनैस वुमन की खबरें अकसर मीडिया के जरीए हम लोगों के सामने आती रहती हैं.
![जून महीने में खेतीकिसानी के काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/BciAaXsop1718695442091/1718695664784.jpg)
जून महीने में खेतीकिसानी के काम
जून का महीना खेती के लिहाज से खासा अहम है. खरीफ फसलों को बोने के साथसाथ जानवरों का खास खयाल रखना जरूरी हो जाता है.
![ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई खेती के लिए लाभकारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/uubyp2FCV1718695246977/1718695438069.jpg)
ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई खेती के लिए लाभकारी
ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई से खेतों की उर्वराशक्ति, जल संवर्धन में वृद्धि एवं कीटों व रोगों के आक्रमण में भी कमी आती है.
!['नवोन्मेषी किसान सम्मेलन' का आयोजन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/b5xUQYzaY1718695089085/1718695244231.jpg)
'नवोन्मेषी किसान सम्मेलन' का आयोजन
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली
![धान की खेती में महिलाओं के लिए सस्ते सुलभ कृषि यंत्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/2wzy0EhyV1718694927530/1718695087369.jpg)
धान की खेती में महिलाओं के लिए सस्ते सुलभ कृषि यंत्र
जिन किसानों के पास खेती की कम जमीन है और वे उस पर धान की खेती करना चाहते हैं, उन के लिए धान की बोआई व रोपाई के ये दोनों यंत्र खासा मददगार हो सकते हैं, खासकर महिलाओं को ध्यान में रख कर इन यंत्रों को संस्थान ने बनाया है.
![खेती के विकास में स्मार्ट तकनीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/htiCw-WSi1718694609124/1718694925210.jpg)
खेती के विकास में स्मार्ट तकनीक
स्मार्ट खेती, वैज्ञानिक भाषा में परिशुद्ध या सटीक कृषि या प्रिसिजन फार्मिंग कहलाती है, जिस में उत्पादन क्षमता और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मौजूद कृषि पद्धतियों में उन्नत प्रौद्योगिकियों का एकीकरण किया जाता है. अतिरिक्त लाभ के रूप में किसानों के भारी श्रम और ज्यादा मेहनत वाले कामों को कम कर के उन के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है.
![बांस एक फायदे अनेक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/yKtbMs1W51718694486000/1718694607856.jpg)
बांस एक फायदे अनेक
बांस की बांसुरी से तो हम सब ही परिचित हैं. बांस को लोग आमतौर पर लकड़ी मान लेते हैं. बांस एक तरह की विशेष घास है. आज यह मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है.
![मूंगफली की खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/DpZwOkZXn1718694321141/1718694469983.jpg)
मूंगफली की खेती
भारत में मूंगफली के उत्पादन का तकरीबन 75 से 85 फीसदी हिस्सा तेल के रूप में इस्तेमाल होता है. खरीफ और जायद दोनों मौसमों में इस की खेती की जाती है. जायद के समय जहां पर ज्यादा बारिश होती है, वहां पर भी मूंगफली की खेती की जा सकती है. इस के लिए शुष्क जलवायु की जरूरत होती है.
![पावर टिलर: खेती के करे कई काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1736096/Gv6XrN47w1718694099126/1718694319432.jpg)
पावर टिलर: खेती के करे कई काम
समय के साथ-साथ खेती करने के तरीकों में बदलाव आया है. अब ज्यादातर छोटेबड़े सभी किसान अपनी जरूरत के मुताबिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करने लगे हैं.