जुलाई महीने में करें खेती से जुड़े जरुरी काम
Farm and Food|July First 2024
यह महीना खेती के नजरिए से किसानों के लिए खास होता है, क्योंकि इस महीने तक देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून आ चुका होता है, जिस से इस दौरान खरीफ सीजन में ली जाने वाली फसलों की बोआई और धान की रोपाई का काम शुरू हो जाता हैं. खेती के नजरिए से खरीफ की सब से अहम खेती धान की होती है. इसलिए धान की खेती पर खास ध्यान देना जरूरी है.
भानु प्रकाश राणा
जुलाई महीने में करें खेती से जुड़े जरुरी काम

जो किसान धान की नर्सरी समय से डाल चुके होते हैं, वे धान की रोपाई जुलाई महीने के पहले हफ्ते से शुरू कर सकते हैं. देर से नर्सरी डालने वाले किसान नर्सरी में पौधों के 20 से 30 दिन के हो जाने पर ही रोपाई करें. इस के अलावा धान की खेती करने के लिए धान की सीधी बोआई भी कर सकते हैं. धान की सीधी बोआई करने के लिए सीडर यंत्र, ड्रम सीडर जैसे कृषि यंत्रों की जरूरत होती है.

धान की जल्दी पकने वाली प्रजातियों की रोपाई जुलाई महीने के दूसरे पखवारे तक की जा सकती है. जिन किसानों ने काला नमक धान, बासमती जैसी सुगंधित प्रजातियों की नर्सरी डाली है, वे रोपाई का काम इस महीने के आखिरी हफ्ते तक कर लें. धान के पौधों की रोपाई के समय यह ध्यान रखें कि कतार से कतार की दूरी 20 सैंटीमीटर रखी जाए और एक जगह पर एकसाथ 2 से 3 पौधे लगाए जाएं.

जिन किसानों ने हरी खाद बनाने के लिए ढैचा या कोई दलहनी फसल बो रखी है, वे मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की जुताई करें और खेत में हरी खाद वाली फसल सड़ने के लिए खेत में पानी भर दें.

जिन किसानों ने अपने खेत में मिट्टी की जांच नहीं कराई है, वह अपने खेत की मिट्टी की जांच करा सकते हैं और जांच के बाद मिली संस्तुति के अनुसार ही खेत में खादबीज का इंतजाम करें.

धान की खेती करते समय अधिक उपज वाली फसलों में रोपाई के पहले प्रति हेक्टेयर की दर से 60 किलोग्राम नाइट्रोजन के साथसाथ 60 किलोग्राम फास्फेट और 60 किलोग्राम पोटाश को लेव लगाते समय खेत में मिला दें.

धान की रोपाई से पहले 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से जिंक सल्फेट खेत में जरूर मिलाएं. लेकिन यह जरूर ध्यान रखें कि फास्फोरस वाले उर्वरक के साथ जिंक सल्फेट कभी न मिलाएं. जब भी खेत में दानेदार रसायनों का प्रयोग करें, तो उस के पहले यह तय कर लें कि खेत में 2 से 3 सैंटीमीटर पानी जरूर भरा हो. अगर किसान धान की फसल में नैनो यूरिया का प्रयोग करते हैं, तो उर्वरकों पर लागत में काफी कमी लाई जा सकती है.

जिन किसानों ने मक्का की बोआई समय से कर दी है, वे बोआई के 15 दिन बाद फसल की पहली निराईगुड़ाई का काम पूरा करें. इसी के साथ दूसरी गुड़ाई फसल के 30 से 35 दिन के हो जाने पर करें.

この記事は Farm and Food の July First 2024 版に掲載されています。

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