इसका अपमान पूरे देश का अपमान माना जाता है। प्रत्येक देश में राष्ट्रध्वज के प्रयोग के लिए संहिता बनी होती है। भारत में भी राष्ट्रध्वज के सम्मान के लिए 'राष्ट्रध्वज संहिता' बनी हुई है जिसमें राष्ट्रध्यक्ष बनाने तथा उसके प्रयोग के नियम बताए गए हैं। हमारे देश के नियम के अनुसार राष्ट्रध्वज सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता है। रात्रि के समय राष्ट्रध्वज स्तम्भ से उतार लिया जाता है। इसे ध्वजावतरण कहते हैं। राष्ट्रीय दिवसों (स्वाधीनता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयन्ती आदि) पर सभी नागरिक निर्बाध रूप से नियमानुसार राष्ट्रध्वज फहरा सकते हैं किन्तु ऐसे अवसरों पर भी नागरिकों को कार या वाहनों पर राष्ट्रध्वज लगाने की अनुमति नहीं है।
यदि शासन कभी किसी राष्ट्रीय पर्व को शोक दिवस घोषित कर राष्ट्रध्वज के अर्द्ध-अवतरण का आदेश जारी करता है तो केवल उसी भवन का ध्वज अर्द्धअवतरित किया जा सकता है, जहां शव रखा होता है, अन्य स्थानों पर ध्वज पूर्ण आरोहित रहता है। राष्ट्रीय शोक दिवसों पर सरकार के विशेष आदेशानुसार सभी सार्वजनिक स्थानों से राष्ट्रध्वज स्तंभ पर आधा उतार लिया जाता है।
अन्य देशों के राष्ट्रीय ध्वजों अथवा संयुक्त राष्ट्रीय ध्वजों अथवा संयुक्त राष्ट्रसंघ के ध्वज के साथ सीधी पंक्ति में यदि भारतीय राष्ट्रध्वज प्रदर्शित करना हो तो, भारतीय राष्ट्रध्वज दाएं सिरे पर होना चाहिए, अन्य देशों के ध्वज भारतीय ध्वज के क्रमश: बायीं और अंग्रेजी वर्णक्रम के अनुसार प्रदर्शित होने चाहिए।
この記事は Sadhana Path の August 2023 版に掲載されています。
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सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल
सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?
विश्व का महापर्व नववर्ष
विश्व के सभी देशों की अपनी अलग परंपराएं और पर्व होते हैं। किन्तु नववर्ष एक ऐसा पर्व है जो सभी देशों द्वारा एक साथ मनाया जाता है। भले ही इस पर्व को मनाने के तरीके अलग हों।
हम नित्य नवीन हों
जीवन में नवीनता का अर्थ क्या है नित्य नवीनता, नित्यनूतन सकारात्मकता। उस परमात्मा के उद्देश्य को पूर्ण करना जिसने बड़े प्रेम से सृष्टि और मनुष्य की रचना की है, इस शरीर में सब कुछ होते हुए भी प्राण निकलने पर इस शरीर में दुर्गंध आने लगती है। अगर हम एक पेंटिंग बनाते हैं तो हम कितने खुश होते हैं यदि कोई पेंटिंग खराब कर दे तो हमें कितना बुरा लगता है। हम सब ईश्वर की बनाई हुई एक सुन्दर कृति हैं हम जब बुरे कर्म करते हैं तो उस परमेश्वर को कितना दुख होता होगा, नवीन हम तभी बनेंगे जब हम नकारात्मक विचार त्यागेंगे और जीवन के सकारात्मक उद्देश्य को आत्मसात करेंगे। महात्मागांधी ने कहा है -
सामाजिक आदर्श का प्रतीक बने कुम्भ मेला
स्नान, दान का महापर्व कुम्भ आस्था का ऐसा मेला है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जन पहुंचते हैं। मेला किन अर्थों में महत्त्वपूर्ण व किस प्रकार सामाजिक आदर्श का प्रतीक बन सकता है। आइए जानते हैं लेख से।
हिन्दू ग्रंथों में महाकुम्भ
महाकुम्भ की महिमा का गुणगान हमारे धर्मग्रंथों में भी मिलता है। महाकुम्भ पर क्या कहते हैं हमारे धर्म ग्रंथ व कुम्भ में स्नान के महत्त्व को? आइए जानते हैं लेख से
जीवनशैली में बदलाव लाकर बनाएं पैन्क्रियाज को सेहतमंद
पाचन संबंधी परेशानियां हैं तो पेट से संबंधित कोई भी छोटी-सी समस्या को न करें नजरअंदाज, ऐसा न हो कि पैन्क्रियाटाइटिस या पैन्क्रियाटिक कैंसर जैसे रोग का करना पड़े सामना। सावधान रहें, स्वच्छ और पौष्टिक आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
शरीर ही बताए अच्छी सेहत का राज
अब आपके दिमाग में सवाल उठेगा कि हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत अच्छी है, इसका पता कैसे लगे? तो बता दें कि यह जानने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। आपका शरीर खुद ही बताएगा कि आप आंतरिक रूप से स्वस्थ हैं कि नहीं। इन 11 लक्षणों से जानें, जो सेहतमंद होने की निशानी है।
सर्दी का मौसम व बच्चों की देखभाल ऐसे करें
सर्दियां शुरू हुई नहीं कि माएं अपने नन्हे-मुन्नों को सिर से पैर तक ऊनी कपड़ों से ढंक देती हैं ताकि उनके नवजात शिशुओं को कहीं से भी ठंड अपनी चपेट में ना ले सके। ऊनी कपड़ों के अलावा कुछ उपाय भी हैं, जिनसे आपके शिशु ठंड में भी राहत की सांस ले सकते हैं।
महीनों और मौसम के साथ बदलता मिज़ाज
साल के 12 महीनों में सिर्फ कैलेंडर के पेज ही नहीं बदलते बल्कि हर महीने के अनुसार हमारा मूड भी बदलता रहता है। तो चलिए जानते हैं क्यों और कैसे बदल जाता है हर मौसम के हिसाब से मूड...
डिटॉक्स वॉटर से कम करें वजन
पानी का स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए उसमें कई तरह के फलों और सब्जियों को मिलाकर डिटॉक्स वॉटर बनाया जाता है। ये वॉटर आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के साथ वजन भी नियंत्रित करता है।