अनियमित जीवनशैली और गलत खानपान के चलते आजकल डायबिटीज की समस्या आम हो चुकी है। खासकर महिलाओं में भी मधुमेह की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले पांच सालों में महिलाओं में मधुमेह की समस्या लगातार बढ़ी है। चिंता की बात ये है कि मधुमेह के चलते महिलाओं में दूसरी और कई बीमारियों का भी खतरा बढ़ रहा है। जैसे मधुमेह के चलते महिलाओं में यूटीआई होने का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं कि आखिर मधुमेह के चलते महिलाओं में यूटीआई की समस्या क्यों और किस हद तक पनपती है।
यूटीआई के लक्षण और कारण
दरअसल, यूटीआई यानि यूरिनल ट्रैक्ट इन्फेक्शन मूत्रपथ (यूरिनरी ट्रैक्ट) में होने वाला एक संक्रमण है। यूरिनरी ट्रैक्ट में किडनी से लेकर ब्लैडर्स, यूट्रस और यूरेथ्रा शामिल हैं हालांकि सामान्य तौर पर ये संक्रमण सिर्फ ब्लैडर में ही होता है । इसमें यूरिन करते समय दर्द होना, बार-बार यूरिन का आना, प्राइवेट पार्ट में खुजली, दर्द- जलन, कमर के निचले हिस्से में दर्द और बैठने में दिक्कत आती हैं। वैसे तो ये समस्याएं पुरुषों को भी होती हैं, पर शारीरिक बनावट की वजह से यह पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में 10 गुना अधिक होती है। बात करें इस समस्या के कारणों की तो ये बैक्टीरिया के संक्रमण से फैलता है और इसके संक्रमण का खतरा डायबिटीज के रोगियों में सबसे अधिक होता है।
डायबिटीज और यूटीआई में संबंध
この記事は Sadhana Path の April 2024 版に掲載されています。
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
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