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AMBITION ET संकल्प के बाद

Aha Zindagi

|

February 2025

नववर्ष पर छोटे-बड़े संकल्प लगभग सभी ने लिए होंगे।

- डॉ. सुधीर दीक्षित

AMBITION ET संकल्प के बाद

अब एक माह बाद बग़ैर किसी सर्वे के बताया जा सकता है कि 80 प्रतिशत से अधिक लोगों के संकल्प टूट चुके हैं।

जाहिर है, संकल्प ही पर्याप्त नहीं है, इस रस्म के बाद भी कुछ करना पड़ता है। क्या, यही बता रही है इस बार की आमुख कथा।

पहले लेख में जानिए, योजना निर्माण रूपी सबसे ज़रूरी चरण की रणनीतियों के बारे में।

संकल्प में में इतनी शक्ति होती है कि इसके दम पर ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल बुरी तरह चोटिल होने के बावजूद एक पैर पर छक्के चौके मारकर 201 रन की नाबाद पारी खेलते हैं और 2023 के विश्व कप मैच में अफगानिस्तान के ख़िलाफ़ मैच जिता देते हैं। संकल्प की शक्ति की बदौलत ही कपिलदेव 1983 के विश्व कप में 175 रन की पारी खेल जाते हैं। संकल्प में शक्ति तो होती है, लेकिन इसी से ही सफलता नहीं मिलती। हर टीम का हर खिलाड़ी जीतने के जज़्बे के साथ मैदान में उतरता है। दोनों ही टीमें जीतने के संकल्प के साथ मैदान में उतरती है, फिर भी एक टीम हारती है, एक जीतती है। प्रायः बेहतर योजना वाली टीम जीतती है। बहरहाल, जहां तक संकल्प या इरादे की बात है, यह खेल के मैदान तक सीमित नहीं है। ज़्यादातर लोग नववर्ष के मौके पर संकल्प लेते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में पहले जैसे ढर्रे पर चलने लगते हैं। इसलिए जनवरी के दूसरे शुक्रवार को 'क्विटर्स डे' (छोड़ने वाला दिन) भी कहा जाता है। यानी अगर आपने दो सप्ताह तक अपने संकल्प पर काम कर लिया है तो आप ज्यादातर लोगों से बेहतर स्थिति में हैं।

नववर्ष के संकल्प कारगर क्यों नहीं होते ?

इसके कई कारण हैं....

पहला हमारे अधिकांश संकल्प व्यक्तिगत होते हैं। एक शोध में पता चला है कि नववर्ष के 79 प्रतिशत लक्ष्य बेहतर स्वास्थ्य से संबंधित होते हैं। चूंकि उनके बारे में हमारे अलावा कोई नहीं जानता, इसलिए कोई दूसरा हमें उनकी याद नहीं दिलाता या हमें प्रेरित-प्रोत्साहित नहीं करता।

दूसरा हमारे लक्ष्य स्पष्ट नहीं होते। जब आप कहते हैं कि आप स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं तो यह लक्ष्य अच्छा तो है, लेकिन स्पष्ट नहीं है। लक्ष्य जितना स्पष्ट होगा, योजना भी उतनी ही कारगर होगी।

Aha Zindagi

このストーリーは、Aha Zindagi の February 2025 版からのものです。

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