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श्वास में शांति का वास
Aha Zindagi
|February 2025
आज जिससे भी पूछो वो कहेगा मुझे काम का, पढ़ाई का या पैसों का बहुत तनाव है। सही मायने में पूरी दुनिया ही तनाव से परेशान है। इस तनाव को रोका तो नहीं जा सकता मगर एक सहज उपाय है जिससे इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। -

जब जीवन में दुःख, कष्ट और तकलीफ़ आती है तब उसके प्रभाव से मन तनावग्रस्त हो जाता है और इसका सीधा असर शरीर पर देखने को मिलता है। दुःख आता है मन में, लेकिन शरीर के अंग कांपने लगते हैं। दिल की धड़कन इतनी तेज़ हो जाती है जैसे कोई दस मील भागकर आया हो । नाड़ी की गति तीव्र हो जाती है, ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है। दुःख ना केवल शरीर को ख़राब करता है, बल्कि भय भी उत्पन्न करता है। जब मन में भय और दुःख आते हैं तो उसका प्रभाव सांस पर आ जाता है।
मन को ठीक करने का रामबाण उपाय
दरअसल शरीर, मन और श्वास का आपस में बहुत गहरा संबंध है। शरीर और मन के बीच में सांसें एक सेतु का कार्य करती हैं। तनाव श्वसन को बिगाड़ देता है और बिगड़ी हुई सांस शरीर में रोग उत्पन्न करती है।
मन सूक्ष्म है, इसलिए मन को सीधे पकड़ पाना कठिन है, लेकिन श्वास के माध्यम से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। जीवन में तनाव कभी ना सताए, इसकी दवा हमारे ऋषिमुनियों के पास है। इस गोली को हम लंबी और गहरी सांस कहते हैं। इसके लिए आप रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं और नाक से लंबी गहरी सांस लेकर मुख से लंबी सांस बाहर छोड़ें। लंबी और गहरी सांस का मतलब शोर करने वाली सांस नहीं है, इसकी कोई आवाज़ नहीं होनी चाहिए।
このストーリーは、Aha Zindagi の February 2025 版からのものです。
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