इंटरनैट पर धड़ल्ले से शेयर किए जाने वाले वीडियो को वायरल वीडियो कहा जाता है. आज पत्रकारिता इन्हीं वायरल वीडियोज के इर्दगिर्द सिमट कर रह गई है. सोशल मीडिया के आम चलन से पहले तक ये नेताओं, ऐक्टरऐक्ट्रैसेस के लीक्ड एमएमएस या स्टिंग औपरेशन जैसे होते थे जिन पर खूब होहल्ला मचा करता था और पत्रकार टूट पड़ते थे लेकिन समय बदलने के साथसाथ यह छिछला होता गया.
आज जर्नलिज्म तकरीबन पूरी तरह वायरल वीडियो के सहारे टिकी हुई है. सोशल मीडिया पर जो वायरल है वही खबर है वरना दूसरी कोई चीज खबर नहीं. कई बार तो बड़ेबड़े पत्रकार इस की चपेट में ऐसे फंसे दिखते हैं, वे वीडियो जर्नलिज्म के दौरान अजीब सी बात इसलिए कर रहे होते हैं ताकि उनकी कोई वीडियो वायरल हो जाए. यानी जो वायरल है उस पर खबर बनाओ और खबर बनाते हुए उसे इतनी चटपटी बनाओ कि वह सनसनी मचाने के साथ खूब वायरल भी हो जाए.
किस तरह की पत्रकारिता होती है यहां
सोशल मीडिया पर ऐसे स्वघोषित जर्नलिस्ट भरे पड़े हैं जिन की 'दुकान' वायरल खबरों से चल रही है. वे किसी से कुछ ऐसा पूछते और बोलते हैं कि इंटरव्यू देने वाला उन से अटपटी बात करे. वह ऐसीऐसी बेवकूफीभरी बातें करे जिस का न सिर हो न पैर जर्नलिज्म का एथिक इन पत्रकारों के लिए कुछ माने नहीं रखता, ये बड़ेबड़े थंबनेल में वही बातें लिख देते हैं जिन का कोई मतलब नहीं.
जैसे एक प्रतिष्ठित पत्रकार रोड पर घूमते हुए एक लड़के का इंटरव्यू करता है तो उस से उस की पढ़ाई पर सवाल करता है. लड़का बीए प्रोग्राम को ठीक से न कह कर प्लेन बीए कह देता है. फिर क्या, यही हंसीठट्टे वाली बात बन जाती है और यूट्यूब पर थंबनेल में प्लेन बीए ही चल पड़ता है. इसी तरह दूसरी वीडियो में पत्रकार के सामने भीड़ में कोई लड़का हाथ से तंबाकू रगड़ रहा होता है तो उसी को पूरी स्टोरी की हैडलाइन बना दी जाती है.
この記事は Mukta の November 2024 版に掲載されています。
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