लड़कियों के पैर फैला कर बैठने की आदत को सोसाइटी गलत मानती है और ऐसी लड़कियों को समाज अच्छी नजरों से नहीं देखता, क्यों? कोई लड़की सैक्स के बारे में बात करे तो समाज में उसे पाप करना मान लिया जाता है और उस को कोसा जाता है, क्यों? भारतीय समाज में आज भी विवाह के पहले सैक्स करने को वर्जित माना जाता है, क्यों? फीमेल प्लेजर के बारे में बात करना पाप माना जाता है, क्यों? जो लड़कियां खुल कर अपनी इस इच्छा को एक्सप्रैस करती हैं उन्हें समाज बदचलन व गंदा मानता है, क्यों? लड़कियां सैक्स टौयस यूज करती हैं या मास्टरबेट करती हैं तो सोसाइटी उसे गलत मानती है व संस्कृति के खिलाफ भी मानती है लेकिन वही काम लड़का करे तो उस पर कोई सवाल नहीं उठता, क्यों?
पीरियड्स या मैंस्ट्रुएशन एक सामान्य नैचुरल बायोलोजिकल प्रक्रिया है लेकिन आज भी लड़कियों को इस के बारे में खुल कर बात 'न' करने की सीख दी जाती है. अगर कोई लड़की पीरियड्स पर खुल कर बात करती है तो समाज के लोग उसे बेशर्म समझते हैं, उसे अजीब नजरों से देखते हैं.
क्यों हमारे समाज में लड़कों के लिए नशा करना और देररात पार्टी करना गलत नहीं है जबकि लड़कियों के लिए यह सब गलत है? समाज घर से कालेज और कालेज से घर आनेजाने वाली लड़की को सही मानता है, लड़कों से फ्रैंडशिप करने वाली लड़कियों को गलत मानता है, क्यों?
लड़की का अगर बॉयफ्रैंड है तो वह लड़की चरित्रहीन है लेकिन वह लड़का जो उस का बोयफ्रैंड है उसे चरित्रहीन नहीं कहा जाता. अगर लड़की गलत है तो लड़का कैसे सही हो सकता है. वह भी तो चरित्रहीन हुआ न. क्यों लड़कियों पर बातबात पर लांछन लगाए जाते हैं?
लड़कियों के लिए भी सैक्स लड़कों जितना जरूरी
この記事は Mukta の November 2024 版に掲載されています。
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