निश्चित समयावधि में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव किसी भी लोकतंत्र का अभिन्न अंग है. स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की अवधारणा के कई आयाम हैं. इसमें एक यह भी है कि मतदाता किसी भय या लालच की वजह से मतदान न करे. इसके लिए एक बुनियादी आवश्यकता यह है कि मतदाता वोट देने का निर्णय सही जानकारियों के आधार पर लें. इसके लिए चुनाव के हर के स्तर पर विश्वसनीय और पर्याप्त सूचनाओं का प्रवाह बनाए रखना जरूरी है. अपनी मर्जी से वोट देने का अधिकार लोकतंत्र का बहुमूल्य उपहार है. यह समय से मिलने वाली विश्वसनीय सूचनाओं से जुड़ा है. इस पृष्ठभूमि में चुनाव घोषणापत्रों में किए जाने वाले वादों की वित्तीय संभावना के मूल्यांकन के लिए जानकारियां जरूरी हो जाती हैं.
ये बातें चुनाव आयोग ने 4 अक्तूबर को जारी अपने एक पत्र में लिखी हैं. सभी पार्टियों को लिखे गए इस पत्र के माध्यम से यह प्रस्ताव दिया गया है कि चुनावों में किए जाने वाले वादों को पूरा करने का आर्थिक रोडमैप पार्टियां आयोग को देंगी.
चुनावों में किए जाने वाले लोकलुभावन वादों का मुद्दा पुराना है लेकिन बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान के बाद से यह लगातार चर्चा में बना हुआ है. 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में लोकलुभावन वादे करके वोट लेने की कोशिशों को 'रेवड़ी संस्कृति' कहा था और इस बात पर जोर दिया था कि इसे खत्म होना चाहिए. मुफ्त में कोई सामान या सेवा देने की घोषणाओं को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है.
इस बीच चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार, विपक्ष और विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है. चुनाव आयोग और केंद्र सरकार इसे चुनाव सुधार की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम मान रही है. वहीं विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार अपने फायदे के लिए संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल कर रही है. कुछ विपक्षी नेता इस पहल को गुजरात चुनावों से भी जोड़कर देख रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव आयोग को जो संवैधानिक दायित्व मिला हुआ है, उसके तहत वह पार्टियों के चुनावी वादों की पड़ताल नहीं कर सकता.
この記事は India Today Hindi の October 26, 2022 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は India Today Hindi の October 26, 2022 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.