उसके तहत मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए विशेष स्कूल शुरू करने की तैयारी थी. सरकार ने उसकी गह उसी नाम से नई छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है. इस मुख्यमंत्री ज्ञान सेतु मेरिट स्कॉलरशिप योजना का लक्ष्य छठी से लेकर 12वीं कक्षा के 30,000 मेधावी छात्रों को लाभ देना है. अगले सात साल के लिए सभी कक्षाओं के लाभार्थी छात्र-छात्राओं की पहचान के बाद राज्य को सरकारी खजाने से सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे. इसकी पात्रता के लिए जरूरी होगा कि बच्चों ने प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1 से 5 तक) किसी सरकारी या वित्त पोषित (जीआइए) स्कूल से पूरी से की हो. स्कूल का चयन उनकी पसंद पर निर्भर है. वे अपनी पसंद के स्कूल में पढ़ाई जारी रख सकेंगे या चाहें तो किसी निजी स्कूल में भी प्रवेश ले सकते हैं. वैसे उस मामले में शर्तें काफी बदल जाएंगी.
इसके उलट, पिछली योजना के तहत कक्षा-5 के बाद मेधावी छात्रों को सरकारी और जीआइए स्कूलों से नए द्विभाषी-माध्यम ज्ञान सेतु डे स्कूलों में भेजा जाना था. उन्हें 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा मिलती. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर भी ध्यान दिया जाता. हर तालुका में कम-से-कम एक ऐसे स्कूल के साथ करीब 400 स्कूलों की कल्पना की गई थी. इसके लिए मौजूदा निजी स्कूल भी आवेदन कर सकते थे. 2023-24 के लिए निर्धारित 64 करोड़ रुपए के बजट के साथ, उन्हें सरकार से हर साल प्रति बच्चा 20,000 रुपए मिलने थे. शिक्षा विभाग ने 27 अप्रैल को एक प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की थी, जिसमें पांचवीं कक्षा के 4,65,000 छात्र शामिल हुए थे.
この記事は India Today Hindi の June 28, 2023 版に掲載されています。
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