राजस्थान में इसी साल 5 मार्च को जाट समाज ने जयपुर में जाट महाकुंभ बुलाया था. इस महाकुंभ में ओबीसी आरक्षण 21 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसद किए जाने, जातिगत जनगणना करवाए जाने और जाट समाज के लोक देवता तेजाजी के नाम पर सरकारी बोर्ड का गठन किए जाने जैसी मांगें शुमार थीं. महाकुंभ में मंच से ये मांगें उठतीं इससे पहले ही राजस्थान ने महाकुंभ से तीन दिन पहले ही वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन कर अपना सोशल इंजीनियरिंग का कार्ड खेल दिया.
वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन होते ही राजस्थान के राजपूत समाज की ओर से महाराणा प्रताप के नाम पर बोर्ड बनाए जाने की मांग उठने लगी. इस मांग के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में महाराणा प्रताप की 483वीं जयंती के अवसर पर हुई एक सार्वजनिक सभा में महाराणा प्रताप बोर्ड के गठन का ऐलान कर दिया. इसके 20 दिन बाद ही 13 जून को सरकार ने वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप बोर्ड का गठन भी कर दिया.
इसी तरह 21 मई 2023 को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में कुमावत समाज ने शक्ति प्रदर्शन कर समाज के लिए बोर्ड बनाए जाने की मांग की थी. सरकार ने दो माह बाद ही राजस्थान राज्य स्थापत्य कला बोर्ड का गठन कर कुमावत समाज को साधने की कोशिश की. सरकार की ओर से जारी बयान में यह हवाला दिया गया, "यह बोर्ड राजस्थान में कुमावत जाति की समस्याओं के समाधान के लिए काम करेगा."
この記事は India Today Hindi の August 16, 2023 版に掲載されています。
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