नवंबर की 13 तारीख को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने स्पष्ट सियासी संदेश के साथ महुआ मोइत्रा को पश्चिम बंगाल में उनके लोकसभा क्षेत्र कृष्णानगर (नादिया उत्तर) का जिला अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. लोकसभा की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर अयोग्य करार दिए जाने की पूरी संभावना के बीच अपनी सांसद को यह प्रभार सौंपकर पार्टी ने जता दिया कि 2024 के आम चुनाव में उसका क्या रुख रहेगा. उनकी पदोन्नति इस बात से और खास हो जाती है कि मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से सार्वजनिक तौर पर फटकार के बाद मोइत्रा को 2021 में यह पद गंवाना पड़ा था.
सियासी पर्यवेक्षकों का मानना है कि लोकसभा में दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी के खिलाफ सवाल पूछने के लिए कथित तौर पर पैसे लेने की आरोपी मोइत्रा का संभावित निष्कासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से विपक्षी दलों को एक संदेश है कि वे भाजपा, खासकर मोदी की आलोचना करते समय 'लक्ष्मण रेखा' पार न करें. आचार समिति की रिपोर्ट अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास जाएगी और संभवत: दिसंबर में शीतकालीन सत्र में इसे लोकसभा में मतदान के लिए पेश किया जाएगा. निचले सदन में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बहुमत को देखते हुए मोइत्रा के निष्कासन के प्रस्ताव का पारित होना कोई हैरानी की बात नहीं होगी.
इस मामले में चुप्पी साधे रहा टीएमसी नेतृत्व अब अपनी सांसद के साथ खड़ा दिख रहा है. उन्हें संगठनात्मक प्रभार देकर टीएमसी ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया कि पार्टी उन्हें अगले लोकसभा चुनावों में टिकट नहीं देगी. उसने महुआ के इन दावों पर भी भरोसा जताया है कि अयोग्य घोषित हो जाने पर भी वे कृष्णानगर सीट दोबारा जीतेंगी, वह भी दोगुने अंतर के साथ. कुछ दिन पहले मोइत्रा ने संभवत: टीएमसी के इसी समर्थन के भरोसे एक्स पर टिप्पणी की थी, "मिस्टर अदाणी हर किसी से यह कहने में समय बर्बाद न करें कि महुआ का टिकट काट दिया जाएगा." ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी में दूसरे नंबर के नेता की हैसियत रखने वाले अभिषेक बनर्जी ने भी जांच जारी होने के बावजूद उन्हें अयोग्य ठहराने की आचार समिति की सिफारिश पर सवाल उठाया था.
この記事は India Today Hindi の November 29, 2023 版に掲載されています。
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