एक प्याला जुनून का
India Today Hindi|December 13, 2023
एक वक्त किराए की सवा सौ स्क्वेयर फुट की कपड़ों की दुकान चलाने वाले युवा राजकरण ने चाय के बागान बनाने का ख्वाब देखा और बिहार की धरती को पहाड़ों की इस फसल के लिए उपजाऊ बना दिया
पुष्यमित्र
एक प्याला जुनून का

 राजकरण दफ्तरी, 64 वर्ष चेयरमैन, दफ्तरी ग्रुप

तीस-बत्तीस साल पहले की बात है. तब उनकी इसी किशनगंज शहर में कपड़ों की छोटी सी दुकान थी. एक जाने-माने पत्रकार उन दिनों किशनगंज के सांसद हुआ करते थे और तीन युवाओं ने मिलकर उनके नाम पर एक फैन क्लब बनाया हुआ था. सांसद जब भी किशनगंज आते, इन युवाओं से जरूर मिलते. ऐसी ही यात्रा के दौरान सांसद ने इन्हें किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के एक चाय बगान के फार्म हाउस में बुलाया, जहां वे ठहरे थे. जब वे वहां गए तो बगान की रौनक और व्यवस्था देखकर चकित रह गए. तभी उन्होंने एक सपना देखा कि उनका भी एक चाय बगान हो. मगर किसी और राज्य में नहीं, उनके अपने इलाके में.

अगले दो साल में उन्होंने किशनगंज जिले में जमीन खरीदकर चाय की खेती शुरू कर दी. इस तरह वे बिहार में चाय की खेती शुरू करने वाले पहले आदमी बने. दो-तीन साल में ही उनकी यह खेती मुनाफा देने लगी. आज उनके और उनके वृहद परिवार के लोगों के तकरीबन 500 एकड़ के चाय बागान हैं. उन्होंने चाय प्रोसेसिंग की कंपनी खोल ली है. उनकी चाय का अपना ब्रांड है, राजबाड़ी बिहार सरकार उनके इस ब्रांड को बिहार की चाय के नाम से प्रोमोट करती है और देश भर के शीर्ष लोगों को बतौर उपहार भेजती है. उनकी इस शुरुआत के बाद किशनगंज जिले में 25 हजार एकड़ में चाय की खेती होने लगी है, दसियों टी प्रोसेसिंग यूनिट खुल गई हैं. और बिहार देश में चाय का छठा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है.

अपने इस सपने को साकार करने वाले इंसान का नाम राजकरण दफ्तरी है. चाय की खेती ने उन्हें एक छोटे से कपड़ों के व्यापारी से किशनगंज जिले के सबसे बड़े उद्यमी और व्यापारी में बदल दिया है. शहर में उनके कई मॉल हैं, होटल हैं, एजेंसियां हैं.

राजकरण दफ्तरी का परिवार मूलतः राजस्थान का रहने वाला है, उनके दादा काफी पहले व्यापार के सिलसिले में बिहार आ गए थे. उनके पिता 1955 में किशनगंज आकर बस गए. वहीं 1959 में उनका जन्म हुआ. इसलिए वे खुद को किशनगंज का ही बाशिंदा कहते हैं. उनके पिता कपड़ों के व्यापारी थे. 1977 में वे भी इस व्यापार से जुड़ गए. वे बंगाल के नवदीप से पैसेंजर ट्रेन में ढोकर साड़ियां लाते थे और किशनगंज आकर बेचते थे.

この記事は India Today Hindi の December 13, 2023 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は India Today Hindi の December 13, 2023 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

INDIA TODAY HINDIのその他の記事すべて表示
शोख सनसनी दिल्ली की
India Today Hindi

शोख सनसनी दिल्ली की

आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं

time-read
1 min  |
December 04, 2024
पाइ पटेल की भारत यात्रा
India Today Hindi

पाइ पटेल की भारत यात्रा

यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक

time-read
2 分  |
December 04, 2024
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
India Today Hindi

कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की

धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि

time-read
3 分  |
December 04, 2024
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
India Today Hindi

हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी

फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार

time-read
7 分  |
December 04, 2024
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
India Today Hindi

रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते

पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.

time-read
8 分  |
December 04, 2024
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
India Today Hindi

विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश

अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं

time-read
6 分  |
December 04, 2024
अब शासन का माझी मंत्र
India Today Hindi

अब शासन का माझी मंत्र

मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे

time-read
6 分  |
December 04, 2024
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
India Today Hindi

होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग

अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे

time-read
4 分  |
December 04, 2024
कुछ न कर पाने की कसक
India Today Hindi

कुछ न कर पाने की कसक

कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.

time-read
2 分  |
December 04, 2024
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
India Today Hindi

पुलिस तक पर्याप्त नहीं

गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.

time-read
3 分  |
December 04, 2024